NBCC ने कहा, गुण-दोष के आधार पर हो उसकी बोली पर विचार: JP इंफ्रा दिवाला मामला
सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ने कहा कि जेपी इंफ्राटेक के लिए उसकी निपटान योजना का मकसद बैंकरों के साथ घर के खरीदारों के हितों का संरक्षण करना है। सीओसी की 26 अप्रैल को हुई बैठक में एनबीसीसी की बोली पर विचार नहीं करने का फैसला किया गया था।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी ने कर्ज के बोझ से दबी जेपी इंफ्राटेक के अंतरिम निपटान पेशेवर (आईआरपी) को पत्र लिखकर कहा है कि जेपी समूह की रीयल्टी कंपनी के लिए उसकी बोली पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाए। ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) एनबीसीसी की बोली को पहले खारिज कर चुकी है। आईआरपी अनुज जैन को लिखे पत्र में एनबीसीसी ने कहा कि उसने 24 अप्रैल को जो संशोधित पेशकश जमा की है उस पर जल्द विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी मिल जाएगी।
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सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ने कहा कि जेपी इंफ्राटेक के लिए उसकी निपटान योजना का मकसद बैंकरों के साथ घर के खरीदारों के हितों का संरक्षण करना है। सीओसी की 26 अप्रैल को हुई बैठक में एनबीसीसी की बोली पर विचार नहीं करने का फैसला किया गया था। बैठक में तय किया गया था कि एनबीसीसी की बोली के लिए विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी की जरूरत होगी ऐसे में इस पर विचार नहीं किया जाए।
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एनबीसीसी ने बैंकरों के साथ बैठक में सभी आवश्यक मंजूरियों के लिए कुछ समय मांगा था। लेकिन बैंकरों ने और समय नहीं देने का फैसला करते हुए 30 अप्रैल को सुरक्षा रीयल्टी की अगुवाई वाले गठजोड़ के लिए 30 अप्रैल को मतदान का फैसला किया। सूत्रों ने बताया कि आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने भी निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग और व्यय विभाग से संपर्क कर संशोधित बोली पर मंजूरी मांगी थी। आईआरपी को लिखे पत्र में एनबीसीसी ने कहा कि वह दिवाला प्रक्रिया में चल रही जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण करने की काफी इच्छुक है।
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