अब मोबाइल का रिचार्ज करना पड़ेगा महंगा, फोनपे पर देना होगा ट्रांजेक्शन चार्ज

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 'फोनपे' थर्ड पार्टी के तौर पर ऐप में UPI ट्रांजैक्शन के मामले में फोनपे की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। मालूम हो कि कंपनी के प्लेटफॉर्म पर सितंबर में 165 करोड़ से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन हुए थे।

नयी दिल्ली। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले यूजर्स को अब मोबाइल रिचार्ज करना महंगा पड़ सकता है। आपको जानकर दुख होगा कि अब फोन पे का इस्तेमाल करने वालों को इसका इस्तेमाल करना महंगा पड़ने वाला है। दरअसल, अब से फोन पे यूजर्स को मोबाइल रिचार्ज करने पर प्रोसेसिंग फीस देनी होगी। वॉलमार्ट समूह की डिजिटल पेमेंट कंपनी फोन पे ने UPI ट्रांजैक्शन पर यह नियम लागू किया है। आपको बता दें कि, यूजर्स को प्रति ट्रांजैक्शन 50 रुपए से, 100 रुपए के रिचार्ज पर 1 रुपए, और 100 रुपए से ज्यादा के रिचार्ज पर 2 रुपए देने होंगे। ये जानकर हैरानी होगी आपको कि 'फोन पे' UPI आधारित ट्रांजैक्शन पर चार्ज लेने वाली पहली डिजिटल पेमेंट ऐप बन गई है। 

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बढ़ते चार्ज पर क्या बोली कंपनी ?

दैनिक भास्कर खबर के अनुसार, फोनपे कंपनी के प्रवक्ता ने इस बिल पेमेंट पर लगने वाले चार्ज को लेकर कहा कि हम इंडस्ट्री में ऐसा करने वाले वे पहले नहीं हैं। सभी डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स बिल पेमेंट्स को लेकर चार्ज वसूल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब यह स्टैंडर्ड प्रैक्टिस हो गया है। अगर किसी बिल का भुगतान क्रेडिट कार्ड की मदद से किया जाता है तो हम इसके लिए प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। दूसरे प्लेटफॉर्म पर इसे कन्वीनिएंस फीस के रूप में लिया जाता है।

कंपनी के पास मार्केट शेयर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 'फोनपे' थर्ड पार्टी के तौर पर ऐप में UPI ट्रांजैक्शन के मामले में फोनपे की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। मालूम हो कि कंपनी के प्लेटफॉर्म पर सितंबर में 165 करोड़ से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन हुए थे। इससे ऐप सेगमेंट में इसका मार्केट शेयर करीब 40 फीसदी हो गया है। 

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इंश्योरेंस बेचने की भी है तैयारी

आपको बता जें कि, फोनपे को लाइफ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस प्रोडक्ट को बेचने के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर से अप्रूवल भी मिल गया है। कंपनी अब आने वाले समय में अपने 30 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को इंश्योरेंस से रिलेटेड सलाह दे सकती है। इसके बाद से फोनपे भारत में सभी इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसी बेच सकेगी।

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