Reliance industries ने बीपी के साथ मिलकर किया कनाडाई कंपनी की 10% हिस्सेदारी का अधिग्रहण

reliance-industries-acquires-10-stake-in-canadian-company-in-association-with-bp
[email protected] । Sep 15 2019 5:02PM

रिलायंस और बीपी ब्लाक में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी के अनुपात में निको की हिस्सेदारी ली है। इसके बाद रिलायंस की केजी-डी6 में हिस्सेदारी बढ़कर 66.67 प्रतिशत हो गयी, जो पहले 60 प्रतिशत थी। वहीं बीपी की हिस्सेदारी मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़कर 33.33 प्रतिशत हो गयी। इस बारे में रिलायंस और बीपी को ई-मेल भेजकर उनकी टिप्पणियां मांगी गयी लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

नयी दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की बीपी ने अपने भागीदार निको रिर्सोसेज की पूर्वी अपतटीय क्षेत्र केजी-डी6 ब्लॉक में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। कनाडाई कंपनी के गैस क्षेत्र के विकास की लागत में अपनी हिस्सेदारी देने में चूक के बाद यह कदम उठाया गया है। मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री ने रिलायंस और बीपी को निको की बंगाल की खाड़ी में स्थित केजी-डीडब्ल्यूएन-98/3 या केजी-डी6 ब्लाक 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण को बिना शर्त मंजूरी दी है।

इसे भी पढ़ें: उच्चतम न्यायालय ने TDS के खिलाफ दूरसंचार विभाग की अर्जी को खारिज किया

रिलायंस और बीपी ब्लाक में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी के अनुपात में निको की हिस्सेदारी ली है। इसके बाद रिलायंस की केजी-डी6 में हिस्सेदारी बढ़कर 66.67 प्रतिशत हो गयी, जो पहले 60 प्रतिशत थी। वहीं बीपी की हिस्सेदारी मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़कर 33.33 प्रतिशत हो गयी। इस बारे में रिलायंस और बीपी को ई-मेल भेजकर उनकी टिप्पणियां मांगी गयी लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

इसे भी पढ़ें: ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं की पहचान में लगा है कार्यबल: सीतारमण

गौरतलब है कि निको केजी-डी6 में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिये संभावित खरीदार या आर संकुल, उसके आसपास के संकुल और एमजे विकास परियोजनाओं में अपनी 5 अरब डॉलर हिस्सेदारी के लिये वित्त पोषण को लेकर कर्जदाता तलाशने में विफल रही है। इससे पहले, कंपनी कर्जदाताओं को कर्ज लौटाने में चूक कर चुकी है। इसके कारण कंपनी अक्टूबर 2018 की शुरूआत में विकास लागत में अपने हिस्से का भुगतान नहीं कर सकी।

इसे भी पढ़ें: शुरुआती गिरावट से उबरा बाजार, सेंसेक्स 164 अंक चढ़ा, निफ्टी 11,000 अंक पर

सूत्रों के अनुसार केजी-डी6 ब्लाक की परिचालक रिलायंस ने चूक के तुंरत बाद कंपनी को नोटिस दिया। केजी-डी6 उत्पादन साझेदारी अनुबंध में भागीदारों के बीच संयुक्त परिचालन समझौता के नियम व शर्तों के तहत निरंतर चूक की स्थिति में संबंधित इकाई (चूककर्ता इकाई) के पास आय की हिस्सेदारी का अधिकार नहीं होगा। इसके अलावा अगर चूककर्ता इकाई नोटिस के बाद 60 दिन के भीतर चूक की स्थिति में सुधार नहीं लाती है, तब अन्य भागीदारों के पास चूककर्ता को केजी-डी6 उत्पादन साझेदारी अनुबंध से अलग करने का विकल्प है। सूत्रों के अनुसार अधिग्रहण के खिलाफ निको ने मध्यस्थता का नोटिस दिया है। लेकिन इससे मंत्रालय पर असर नहीं पड़ा और उसने रिलायंस और बीपी को उसकी हिस्सेदारी के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़