रिजर्व बैंक ने चार बैंकों पर लगाया 11 करोड़ रुपये का जुर्माना

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[email protected] । Mar 5 2019 4:26PM

आरबीआई ने कर्नाटक बैंक पर 4 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) पर 3-3 करोड़ रुपये तथा करूर वैश्य बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

नयी दिल्ली। रिजर्व बैंक ने चार बैंकों, कर्नाटक बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक तथा करूर वैश्य बैंक पर 11 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। स्विफ्ट प्रणाली से जुड़े साफ्टवेयर को लेकर दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर यह जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई ने कर्नाटक बैंक पर 4 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) पर 3-3 करोड़ रुपये तथा करूर वैश्य बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कर्नाटक बैंक ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा है कि स्विफ्ट से जुड़े परिचालन नियंत्रणों के क्रियान्यन में देरी को लेकर रिजर्व बैंक ने बैंक पर कुल चार करोड़ रुपये का रुपये का जुर्माना लगाया है।

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वहीं यूनाइटेड बैंक ने शेयर बाजारों को दी जानकारी में कहा, ‘‘...रिजर्व बैंक ने उसपर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसे 14 दिन के भीतर जमा करना है। स्विफ्ट संबंधित परिचालन नियंत्रण को लागू करने तथा उसे सुदृढ़ बनाने में देरी को लेकर आरबीआई के निर्देश का समयबद्ध तरीके से अनुपालन नहीं करने को लेकर यह जुर्माना लगाया गया है।’’सार्वजनिक क्षेत्र के ही आईओबी ने कहा कि उस पर 20 फरवरी 2018 के आरबीआई के निर्देश का अनुपालन नहीं करने को लेकर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

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आईओबी ने कहा, ‘‘बैंक ने इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिये आंतरिक नियंत्रण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये जरूरी कदम उठाये हैं।’’निजी क्षेत्र के करूर वैश्य बैंक ने कहा कि आरबीआई ने स्विफ्ट परिचालन से संबंधित निर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर उसपर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। स्विफ्ट संदेश भेजने वाला एक वैश्विक सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल वित्तीय संस्थाएं लेनदेन के लिए करती हैं।

आरबीआई का परिपत्र स्विफ्ट संबंधित परिचालन नियंत्रण को मजबूत बनाने तथा समयबद्ध तरीके से उसे क्रियान्वित करने से जुड़ा है। उल्लेखनीय है कि इस मैसेजिंग सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग के चलते पंजाब नेशनल बैंक में 14,000 करोड़ रुपये की भारी धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया। पीएनबी धोखाधड़ी के बाद बैंकों में लेनदेन में काम आने वाले प्रणालियों को लेकर आरबीआई का रुख कड़ा बना हुआ है।

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