SEBI ने संयुक्त म्यूचुअल फंड खातों के लिए किसी को नामित करना किया वैकल्पिक

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कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से रखे जाने वाले म्यूचुअल फंड खातों के लिए किसी व्यक्ति को नामित करना सेबी ने वैकल्पिक बना दिया है। सेबी ने ‘फंड हाउस’ को जिंस और विदेशी निवेश की निगरानी के लिए एक ही ‘फंड मैनेजर’ रखने की अनुमति भी दी है।

नयी दिल्ली । पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से रखे जाने वाले म्यूचुअल फंड खातों के लिए किसी व्यक्ति को नामित करना वैकल्पिक बना दिया है। इसके अलावा, सेबी ने ‘फंड हाउस’ को जिंस और विदेशी निवेश की निगरानी के लिए एक ही ‘फंड मैनेजर’ रखने की अनुमति दी है। इससे उसके प्रबंधन की लागत कम होगी। सेबी ने यह कदम उसके द्वारा गठित एक कार्य समूह द्वारा म्यूचुअल फंड विनियमों की समीक्षा करने तथा कारोबार को आसान बनाने के लिए उपायों की सिफारिश करने के बाद उठाए हैं। 

कार्य समूह की सिफारिश के आधार पर एक सार्वजनिक परामर्श किया गया, जिसमें संयुक्त म्यूचुअल फंड खातों में किसी को नामित करने को वैकल्पिक बनाने और ‘फंड हाउस’ को जिंस तथा विदेशी निवेशों की देखरेख के लिए एक ही फंड मैनेजर रखने की अनुमति देने का विकल्प सुझाया गया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘ तदनुसार यह निर्णय लिया गया है कि संयुक्त म्यूचुअल फंड फोलियो में किसी को नामित करना वैकल्पिक होगा।’’ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि संयुक्त धारकों के लिए किसी को नामित करने की आवश्यकताओं में छूट फायदेमंद होगी। इससे जीवित सदस्य नामित माना जाएगा जिससे नामांकन की प्रक्रिया सुगम बनेगी। 

नियामक ने सभी मौजूदा व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड धारकों के लिए किसी व्यक्ति को नामित करने की आखिरी तारीख 30 जून 2024 तय की है। यदि वे इसका पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खाते निकासी के लिए ‘फ्रीज’ कर दिए जाएंगे। एक अलग परिपत्र में नियामक ने फंड मैनेजर के संबंध में मौजूदा प्रावधान को आसान बनाने की जानकारी दी। सेबी ने कहा कि जिंस आधारित कोष जैसे गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड), सिल्वर ईटीएफ और जिंस बाजार में भाग लेने वाले अन्य फंड के लिए समर्पित फंड मैनेजर की नियुक्ति वैकल्पिक होगी। साथ ही, विदेशी निवेश करने के लिए भी समर्पित फंड मैनेजर की नियुक्ति वैकल्पिक होगी। घरेलू और विदेशी/जिंस फंड के लिए एक फंड मैनेजर की नियुक्ति का मकसद उसके प्रबंधन की लागत को कम करना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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