विक्रमसिंघे ने कहा कि जनवरी के अंत तक ऋण पुनर्गठन पर भारत की प्रतिक्रिया अपेक्षित है

Wickremesinghe
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श्रीलंका इस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर का ब्रिज लोन (अंतरिम कर्ज) हासिल करने की कोशिश में है। ब्रिज लोन तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है और आम तौर पर यह कम अवधि का होता है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि ऋण पुनर्गठन के प्रस्ताव पर भारत की प्रतिक्रिया इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। नकदी संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश ने भारत से ऋण पुनर्गठन का अनुरोध किया था। श्रीलंका इस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर का ब्रिज लोन (अंतरिम कर्ज) हासिल करने की कोशिश में है। ब्रिज लोन तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है और आम तौर पर यह कम अवधि का होता है।

श्रीलंका को मुद्राकोष से राहत पैकेज पाने के लिए अपने प्रमुख कर्जदाता देशों- चीन, जापान और भारत से वित्तीय आश्वासन पाने की जरूरत है। इसके लिए श्रीलंका ने पिछले साल सितंबर से इन देशों के साथ ऋण पुनर्गठन पर बातचीत शुरू की थी। विक्रमसिंघे ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस साल की पहली तिमाही में आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर का ऋण मिलने की उम्मीद है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि भारत और श्रीलंका ने ऋण पुनर्गठन पर सफल वार्ता की और देश चीन के साथ भी चर्चा शुरू करेगा।

आईएमएफ ने फिलहाल राहत पैकेज को रोका हुआ है क्योंकि श्रीलंका इस समय अपने लेनदारों से बातचीत कर रहा है। आईएमएफ ने राहत पैकेज के लिए यह शर्त रखी थी कि श्रीलंका अपने लेनदारों के साथ बातचीत करके ऋण का पुनर्गठन करे। विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका ने चीन से ऋण अदायगी की अवधि बढ़ाने के लिए कहा है और उसने कर्ज को कम करने के लिए नहीं कहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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