मेक इन इंडिया के लिए कर को और तर्कसंगत बनाने को तैयार: राजनाथ सिंह

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[email protected] । Oct 10 2019 9:32AM

रक्षा मंत्री फ्रांस की यात्रा पर 36 में से पहले राफेल लड़ाकू विमान की सांकेतिक डिलिवरी लेने आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत हाई-एंड रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन के लिए संभावनाएं तलाश करने को तैयार हैं।

पेरिस। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत ने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन के लिए हम कर को और तर्कसंगत बनाने को तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने बुधवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए भारत सरकार द्वारा हाल में कॉरपोरेट कर में कटौती का उल्लेख किया। इसके अलावा उन्होंने कारोबार सुगमता के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया।  सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ के लिए यदि करों को और तर्कसंगत बनाने की जरूरत होगी, तो उस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कारोबार की स्थिति सुगम करने के लिए कई आर्थिक सुधार किए हैं। साथ ही अर्थव्यवस्था को निवेश के लिए खोला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को काफी हद तक खोला गया है। हमने देशभर में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया है। हमारी आजादी के बाद से यह सबसे बड़ा कर सुधार है। हमने कॉरपोरेट कर की दर में भी उल्लेखनीय कटौती की है।’’  

रक्षा मंत्री फ्रांस की यात्रा पर 36 में से पहले राफेल लड़ाकू विमान की सांकेतिक डिलिवरी लेने आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत हाई-एंड रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन के लिए संभावनाएं तलाश करने को तैयार हैं। साथ ही हम प्रौद्योगिकी के जरिये अपने पोत कारखानों और रक्षा प्लेटफार्म के आधुनिकीकरण को सहयोग के लिए भी तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी कंपनियां रक्षा उपकरणों के लिए भारत को अपना ‘बेस’ बना सकती हैं। वे सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्किक अन्य देशों को निर्यात के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। उन्होंने भारत के सैन्य और असैन्य दोनों क्षेत्रों में विमान इंजन की उल्लेखनीय जरूरत का जिक्र किया और कहा कि भारत सरकार से सरकार आधार पर विमान इंजन परिसर की संभावना तलाशने को तैयार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र के कुछ आकर्षणों का भी उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि उनका गृह राज्य संस्कृति और उद्योग का हब है। उन्होंने फ्रांसीसी कंपनियों से भारत के दोनों रक्षा औद्योगिक गलियारों---उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में निवेश के अवसर तलाशने को कहा। 

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बुधवार को हुई बैठक में डसॉल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रैपियर भी मौजूद थे। साथ ही बैठक में राफाउट के सीईओ ब्रूनो बर्थेट, सोजिटेक इंडस्ट्रीज के सीईओ एंड्रे पियाटन, रॉक्सेल के सीईओ जैकस डीक्लाक्स, नैवल ग्रुप के सीईओ एलन ग्यूलाउ भी मौजूद थे। इनमें से कई मुख्य कार्यकारी पांच से आठ फरवरी,में लखनऊ में होने वाले डेफएक्सपो में भागीदारी की इच्छा जता चुके हैं।  रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बरुण मित्रा ने डेफएक्सपो पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिय। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत के रक्षा क्षेत्र में अरब डॉलर के बाजार अवसर मौजूद हैं। फ्रांस के रक्षा उद्योग के दिग्गजों के साथ बैठक के बाद सिंह की इस यूरोपीय राष्ट्र की आधिकारिक यात्रा संपन्न हो गई। 

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