2019 में नहीं मिलेगा किसी को स्पष्ट बहुमत, गठबंधन सरकार बनेगी

No one will get a clear majority in 2019, coalition government will be formed

यदि विपक्ष ने एक साझा मोर्चा नहीं बनाया तो 2019 में यह भी हो सकता है कि मतदाता लोग पार्टियों की बजाय श्रेष्ठ उम्मीदवारों को अपना मत दे दें या मतदान का आधार स्थानीय समस्याएं, जाति और मजहब ही बन जाए।

दो खबरों ने मेरा ध्यान खींचा। एक यशवंत सिन्हा का भाजपा से इस्तीफा और दूसरा, सीताराम येचुरी का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का दुबारा महासचिव बनना। ये दोनों खबरें काफी अलग-अलग हैं लेकिन इन दोनों में एक अंदरुनी एकता है। दोनों का लक्ष्य एक ही है। मोदी को सत्ता से हटाना। सिन्हा भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वे अटलजी के साथ वित्त और विदेश मंत्री भी रहे हैं। वे, अरुण शौरी और शत्रुघ्न सिन्हा- ये तीनों पूर्व भाजपाई मंत्री मोदी का विरोध करते रहे हैं। इसीलिए सिन्हा के इस्तीफे ने कोई खास हलचल नहीं मचाई। हां, यदि लालकृष्ण आडवाणी या मुरली मनोहर जोशी भाजपा से इस्तीफा दे देते तो छोटा-मोटा भूकंप तो आ ही जाता लेकिन सिन्हा का यह कहना कि वे अब पार्टी-राजनीति से संन्यास ले रहे हैं, काफी महत्वपूर्ण है। इसका अर्थ यह हुआ कि अब वे पार्टीविहीन राजनीति करेंगे। मैं इसे ही उच्चतर राजनीति कहता हूं। जयप्रकाश नारायण ने ऐसी ही राजनीति की थी। आज इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। आज देश में पार्टियों के नेताओं की साख पैंदे में बैठ चुकी है। सारा देश मोह-भंग की मुद्रा में आता चला जा रहा है।

जहां तक येचुरी का सवाल है, वे चाहते हैं कि मोदी को हटाने के लिए कांग्रेस को साथ रखना बहुत जरूरी है। ऐसा तीसरा मोर्चा सफल नहीं हो पाएगा, जो भाजपा और कांग्रेस, दोनों का विरोध करे। यह ठीक है कि कांग्रेस के पास नेता और नीति दोनों का अभाव है लेकिन देश के सभी प्रांतों में उसके सक्रिय कार्यकर्ता हैं और मतदाता भी हैं। उनकी उपेक्षा करना ठीक नहीं लेकिन उत्तर प्रदेश में क्या हुआ? अखिलेश की समाजवादी पार्टी को कांग्रेस अपने साथ ले डूबी। कई प्रांतों में कांग्रेस का साथ विपक्ष के लिए बहुत भारी पड़ सकता है।

यदि विपक्ष ने एक साझा मोर्चा नहीं बनाया तो 2019 में यह भी हो सकता है कि मतदाता लोग पार्टियों की बजाय श्रेष्ठ उम्मीदवारों को अपना मत दे दें या मतदान का आधार स्थानीय समस्याएं, जाति और मजहब ही बन जाए। यह तो अभी से साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि किसी एक पार्टी को 2019 में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने वाला है। अगली सरकार जो भी बनेगी, वह गठबंधन सरकार बनेगी।

- डॉ. वेदप्रताप वैदिक

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