अखबार के लेख ने किस तरह बदली मुक्केबाज सागर अहलावत की जिंदगी
यह लेख पढ़ने के सात साल बाद 20 साल का मुक्केबाज बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पुरूषों की +92 किग्रा सुपर हैवीवेट स्पर्धा में चुनौती पेश करने के लिये तैयार है जिसमें वह पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
नयी दिल्ली| राष्ट्रमंडल खेलों के लिये भारतीय मुक्केबाजी दल के सदस्य सागर अहलावत का कहना है कि 2015 में फ्लॉएड मेवेदर जूनियर और मैनी पैकियाओ के बीच ‘फाइट ऑफ द सेंचुरी’ पर अखबार में छपा लेख पढ़ने के बाद उनकी जिंदगी बदल गयी।
यह लेख पढ़ने के सात साल बाद 20 साल का मुक्केबाज बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पुरूषों की +92 किग्रा सुपर हैवीवेट स्पर्धा में चुनौती पेश करने के लिये तैयार है जिसमें वह पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
सागर ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था। मेरे से पढ़ाई नहीं होती थी। इसलिये मैंने 12वीं के बाद कुछ करने के लिये देखना शुरू किया। ’’
किसान परिवार में जन्में सागर का खेलों से कोई लेना देना नहीं था। लेकिन एक दिन उन्होंने मेवेदर और पैकियाओ के बीच मशहूर भिड़ंत के बारे में अखबार में पूरे पन्ने का लेख पढ़ा। जैसे जैसे वह दोनों महान मुक्केबाजों के बारे में और उनकी उपलब्धियों के बारे में पढ़ते गये, वह पूरी तरह स्पष्ट हो चुके थे कि उन्हें क्या करना है।
सागर ने कहा, ‘‘मेरे परिवार में कोई भी खेलों में नहीं है। मुझे थोड़ा बहुत मुक्केबाजी के बारे में पता था लेकिन मुझे मेवेदर और पैकियाओ के बारे में अखबार में पढ़कर प्रेरणा मिली।
’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2017 में मुक्केबाजी शुरू की और जवाहर बाग स्टेडियम में ट्रेनिंग करना शुरू किया। ’’ पर अपने किसान परिवार के लिये मदद के कारण उन्हें अपनी ट्रेनिंग कई बार छोड़नी पड़ती थी। दो साल बाद उन्होंने अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
इसके बाद उन्होंने खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में लगातार खिताब जीत लिये। इस सुपर हैवीवेट मुक्केबाज ने कहा, ‘‘मैंने 2019 में अपने पहले विश्वविद्यालय खेलों में हिस्सा लिया जिसमें मुझे स्वर्ण पदक मिला। फिर मैंने 2020 में और अगले साल भी खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीता। ’’
सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2021 में पदार्पण में रजत पदक के बाद उन्हें पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में शामिल कर लिया गया। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के चयन ट्रायल में भी प्रभावित करना जारी रखा।
सागर ने तोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे सतीष कुमार को हराने के बाद मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नरेंदर को हराकर बर्मिंघम का टिकट कटाया जो उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।
सागर ने कहा, ‘‘मैं नर्वस बिलकुल नहीं हूं कि यह मेरा पहला टूर्नामेंट है क्योंकि मैंने बहुत अच्छी ट्रेनिंग की है। मैं अच्छी बाउट लड़ना चाहता हूं।
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