भगवान श्रीकृष्ण के यह 5 मंदिर जहां अलग ही अंदाज में मनाई जाती है जन्माष्टमी

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कमल सिंघी । Aug 22 2019 5:06PM

श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में जन्माष्टमी भव्य रूप से मनाई जाती है। यहां वर्ष में केवल एक बार यानी की जन्माष्टमी के दिन ही मंगला आरती होती है। जिसके लिए रात्रि 2 बजे ही मंदिर के द्वार खोल दिए जाते हैं। मंगला आरती में हजारों की तादाद में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

देश भर में भगवान श्री कृष्ण के लाखों मंदिर हैं। जहाँ भगवान कृष्ण के प्रति आस्था और विश्वास का अनूठा संगम देखने को मिलता हैं। इसी हफ्ते की 23 अगस्त शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हैं। वेद पुराणों के अनुसार भादौ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन संसार के पालनहार भगवान विष्णु ने अपने आठवें अवतार श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया था। आज हम आपको भगवान श्रीकृष्ण के भारत के 5 ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां से मन को बौद्धिक शांति मिलती हैं तथा सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस बार जन्माष्टमी पर इन 5 मंदिरों में जाकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन वंदन अवश्य करने चाहिए। 

मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर-

द्वारकाधीश मंदिर मथुरा में बड़े ही धूमधाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दौरान यहां का माहौल देखने लायक रहता हैं। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की काले रंग की प्रतिमा हैं और राधाजी की सफेद रंग की प्रतिमा है। यही इस मंदिर की खासियत है। दोनों का पूजन किया जाता है। यहां पहुंचने वाले भक्तों को एक अलग ही सुकून का अहसास होता है। साथ ही हर मनोकामना भी पूर्ण होती है।

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वृंदावन का श्री बांके बिहारीजी मंदिर-

श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में जन्माष्टमी भव्य रूप से मनाई जाती है। यहां वर्ष में केवल एक बार यानी की जन्माष्टमी के दिन ही मंगला आरती होती है। जिसके लिए रात्रि 2 बजे ही मंदिर के द्वार खोल दिए जाते हैं। मंगला आरती में हजारों की तादाद में श्रद्धालु शामिल होते हैं। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने बचपन का समय वृंदावन में ही बिताया था और भगवान श्रीकृष्ण को बांके बिहारी भी कहा जाता है। इसलिए इस मंदिर का नाम बांके बिहारी रखा गया है। यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध और प्राचीन है। यहां मन को शांति मिलती है। जन्माष्टमी पर यहां अवश्य जाना चाहिए।

उडुपी का श्रीकृष्ण मठ मंदिर-

श्रीकृष्ण मठ मंदिर उडुपी कर्नाटक का सबसे प्रसिद्ध मंदिर तथा पर्यटन स्थल भी हैं। पूरे वर्ष यहां भक्तों का तांता लगा रहता हैं लेकिन जन्माष्टमी पर इस मंदिर की रौनक देखते ही बनती है। पूरे मंदिर को विभिन्न तरीकों से सजाया जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा खिड़की के 9 छिद्रों में से ही की जाती है। जन्माष्टमी पर यहां दर्शन करने अवश्य जाए।

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गुजरात का द्वारकाधीश मंदिर-

गुजरात के द्वारका में मौजूद द्वारकाधीश मंदिर गुजरात का प्रसिद्ध मंदिर है जो चार धाम यात्रा का एक हिस्सा है। जन्माष्टमी पर इस मंदिर में बेहद ही उमंग भरा माहौल तथा भक्तिमय माहौल देखने को मिलता है। इस दिन मंदिर को अंदर और बाहर दोनों तरफ बेहद ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन मात्र से ही भगवान सारे कष्ट एवं बाधाओं को हर लेते हैं। जन्माष्टमी को इस मंदिर में अवश्य जाना चाहिए।

राजस्थान का श्रीनाथ जी मंदिर-

राजस्थान के नाथद्वार में स्थित भगवान श्री कृष्ण का श्रीनाथ जी मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहां जन्माष्टमी भव्य रूप से मनाई जाती है। जन्माष्टमी को भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने हेतु यहां पर देशभर से श्रद्धालु पहुँचते हैं। श्रीनाथ जी मंदिर अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को औरंगजेब से गोवर्धन की पहाड़ियों से बचाकर लाए थे। भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस मंदिर में जन्माष्टमी को जरूर जाकर दर्शन करने चाहिए। श्रीनाथ जी जाने अनजाने में हुए पापो से मुक्ति प्रदान करते हैं।

- कमल सिंघी

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