Kanya Puja: दुर्गा अष्टमी और महानवमी पर कन्या पूजन कर पाएं मां दुर्गा का आशीर्वाद, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

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नवरात्रि की अष्टमी और महानवमी यानि की दोनों दिन कन्या पूजन किया जाता है। कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। नवरात्रि में आप भी कन्या पूजन कर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें। जानिए कन्या पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त।

आज यानि कि 29 मार्च को दुर्गा अष्टमी मनाई जा रही है। कल यानि की 20 मार्च को महानवमी मनाई जाएगा। दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी और नवमी तिथि को सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करने का भी विधान है। कन्या पूजन से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। क्योंकि कन्याओं को मां दुर्गा का ही स्वरूप माना जाता है। इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन को अधिक महत्व माना जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कन्या पूजन के मुहूर्त और विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

अष्टमी कन्या पूजा मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि में दुर्गा आष्टमी या महानवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। बता दें कि आज यानि की 29 मार्च को दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह से ही शोभन योग बना है। सुबह 8 बजकर 7 मिनट तक रवि योग है। जो अगले दिन सुबह तक रहेगा। राहुकाल दोपहर 12:26 बजे से दोपह 01:59 बजे तक है। ऐसे में आज आप राहुकाल लगने से पहले कन्या पूजन कर सकते हैं। दुर्गा अष्टमी को 06:15 से 07:48 मिनट तक लाभ-उन्नति मुहूर्त, फिर 07:48 से 09:21 बजे तक अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त और 10:53 से 12:26 मिनट तक शुभ-उत्तम मुहूर्त का योग बना है।

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महानवमी कन्या पूजन मुहूर्त

आपको बता दें कि 30 मार्च को रामनवमी के दिन भी कन्या पूजन किया जाता है। महानवमी को पूरा दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। रात 10:59 बजे से अगले दिन सुबह 06:13 बजे तक गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग है। नवमी के दिन दोपहर 01:59 बजे से दोपहर 03:32 बजे तक राहुकाल है। राहुकाल से पहले आप कभी भी कन्या पूजन कर सकते हैं। इस दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 06:14 से 07:47 बजे तक है

कन्या पूजन से मिलते हैं 9 वरदान

नवरात्रि में 1 कन्या से लेकर 9 कन्याओं की पूजा किए जाने का विधान है। इस दौरान आप अलग-अलग उम्र की कन्याओं का पूजन कर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। कन्याओं के पूजन से मां दुर्गा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

कन्या पूजन का फल

धार्मिक मान्यता के मुताबिक नवरात्रि में 1 कन्या के पूजन से ऐश्वर्य, 2 के पूजन से भोग, 3 के पूजन से पुरुषार्थ, 4-5 कन्याओं के पूजन से विद्या और बुद्धि, 6 कन्या के पूजन से कार्य में सफलता, 7 कन्याओं के पूजन से परमपद, 8 पन्या के पूजन से अष्टलक्ष्मी और 9 कन्याओं के पूजन से सभी करह के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में कन्या पूजन से व्यक्ति को सफलता, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति होती है और शत्रुओं का नाश होता है।

कन्या पूजन विधि

दुर्गा अष्टमी या महानवमी के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर मां दुर्गा की पूजा करें। इसके बाद कन्याओं को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। उनके साथ बटुक भैरव के रूप में एक बालक को भी भोजन पर आमंत्रित करें। फिर कन्याओं के पैर पानी से धुलने के बाद उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं। इसके बाद रोली से टीका कर माता की चुरी भेंट करें। इसके बाद उनको हलवा, काला चना, पूड़ी, खीर, नारियल आदि खिलाएं। भोजन करने के बाद कन्याओं को दक्षिणा दें। इसके बाद पैर छूकर आशीर्वाद लें और कन्याओं को विदा कर दें।

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