Kidney Stone: किडनी स्टोन के इन लक्षणों को भूलकर भी न करें इग्नोर, हाइड्रेशन और हेल्दी डाइट से कम कर सकते हैं रिस्क

Kidney Stone
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एक रिपोर्ट के मुताबिक गर्मियों में किडनी स्टोन का खतरा अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि गर्मी में शरीर से पसीने के रूप में बड़ी मात्रा में पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स और नमक बाहर निकल जाते हैं। जिसके कारण शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और यूनिर का फ्लो घट जाता है।

तेजी से बढ़ते तापमान के साथ किडनी स्टोन के मामलों में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना में हर दिन करीब 300-400 मरीज किडनी स्टोन की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। जोकि सामान्य की तुलना में करीब दोगुना है। वहीं परेशानी की बात है कि यह मामले 40% की दर से तेजी से बढ़ रहे हैं और इसका सबसे ज्यादा असर 20 से 40 साल के युवाओं पर पड़ रहा है। AINU के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, युवाओं में गर्मी में किडनी स्टोन के मामले बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से एक मुख्य वजह शरीर में पानी की कमी होता है। वहीं खराब लाइफस्टाइल भी इस खतरे को बढ़ा रही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 12% से अधिक लोगों को किडनी स्टोन की समस्या है। हालांकि आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ आसान से बदलाव करके किडनी स्टोन के खतरे को कम किया जा सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि गर्मी के मौसम में किडनी स्टोन का खतरा क्यों बढ़ जाता है। साथ ही यह भी जानेंगे कि किडनी स्टोन के लक्षण क्या हैं और कैसे इस समस्या से बचा सकता है।

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किडनी स्टोन का खतरा

एक रिपोर्ट के मुताबिक गर्मियों में किडनी स्टोन का खतरा अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि गर्मी में शरीर से पसीने के रूप में बड़ी मात्रा में पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स और नमक बाहर निकल जाते हैं। जिसके कारण शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और यूनिर का फ्लो घट जाता है। ऐसे में यूरिन में मौजूद ऑक्सलेट, कैल्शियम और यूरिक एसिड जैसे मिनरल्स आपस में जुड़कर छोटे-छोटे क्रिस्टल्स बनाते हैं। यह क्रिस्टल धीरे-धीरे बड़े होकर किडनी स्टोन बन जाते हैं। क्योंकि यह सामान्य रूप से शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। वहीं यूरिन रोकना, अनहेल्दी खानपान और कुछ जेनेटिक फैक्टर भी किडनी स्टोन के कारण हो सकते हैं।

किडनी स्टोन होने के कारण

वजन ज्यादा होने या फिर मोटापे की वजह से

परिवार में पहले से किसी को किडनी स्टोन होना

शुगरी ड्रिंक ज्यादा पीने से

ज्यादा नमक वाली चीजें खाने से

फास्ट फूड और जंक फूड का अधिक सेवन

कुछ खास दवाओं के कारण

लंबे समय तक धूप में रहने के कारण

शरीर में पानी की कमी होना

इन लोगों को होता है किडनी स्टोन का ज्यादा खतरा

खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल वाले लोगों को यह समस्या होती है।

फैमिली में किसी को पहले से किडनी स्टोन की समस्या रही हो।

तेज धूप में ज्यादा समय बिताने वाले लोगों को भी इस समस्या का खतरा अधिक होता है।

UTI (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) से पीड़ित लोगों को।

मोटापे से ग्रस्त लोगों को।

डाइयुरेटिक्स, एंटीबायोटिक या एंटी-एसिड दवाएं लेने वालों लोगों को।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

किडनी स्टोन की शुरूआत में बार-बार यूनिर आना, यूरिन पास करते समय जलन होना या पेट में दर्द आदि के लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि यह सभी लक्षण एक साथ नहीं दिखते हैं। कुछ लोगों में यह लक्षण हल्के हो सकते हैं। ऐसे में इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होने पर फौरन डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

किडनी स्टोन के लक्षण

यूरिन पास करते समय दर्द होना

पीठ के निचले हिस्से, बगल या फिर पेट में तेज दर्द होना

बार-बार यूरिन पास करने की इच्छा होना

यूरिन का रंग बदलना या यूरिन से बदबू आना

थकान या कमजोरी लगना

जी मचलाना या उल्टी होना

बुखार और ठंडा लगना

किडनी स्टोन से बचाव के तरीके

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके आप किडनी स्टोन के खतरे से बच सकते हैं। इसके लिए आपको दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। आप नारियल पानी, नींबू पानी और फलों का जूस भी पी सकते हैं। अधिक नमक खाने से यूरिन में कैल्शियम बढ़ जाता है और इससे पथरी की समस्या बन सकती है। इसलिए पैकेज्ड फूड, जंक फूड और फास्ट फूड जैसी नमक वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

किडनी स्टोन का इलाज

बता दें कि किडनी स्टोन का इलाज इस बात पर भी निर्भर करता है कि इसका आकार कितना बड़ा है। साथ ही वह स्टोन कहां फंसा है और क्या इससे अधिक दर्द या इंफेक्शन हो रहा है। यदि छोटा स्टोन जैसे 5 mm से कम होता है, तो यह बिना किसी विशेष इलाज के खूब पानी पीने और पेन किलर दवाओं की मदद से खुद से निकल जाता है।

वहीं यदि स्टोन बड़ा है तो इसके लिए लिथोट्रिप्सी की जाती है। इसमें बिना किसी तरह के चीरफाड़ के स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है। यह छोटे-छोटे टुकड़े पेशाब के रास्ते से आसानी से बाहर निकल जाते हैं। यह प्रोसेस दर्द रहित होती है। वहीं अन्य गंभीर मामलों में ओपन सर्जरी और यूरेटेरोस्कोपी के जरिए स्टोन को बाहर निकाला जाता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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