सिनेमा के सभी स्वरूपों का मिश्रण होती हैं भारतीय फिल्में : Abhishek Bachchan

Abhishek Bachchan
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अभिषेक ने आईफा (अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार) रॉक्स पुरस्कारसमारोह से इतर एक कार्यक्रम में शुक्रवार रात पीटीआई-से कहा, ‘‘हम हमेशा विश्वस्तरीय फिल्मों का निर्माण करते रहे हैं। हम दुनिया की बेहतरीन फिल्में बनाते हैं। इसे लेकर मैं पक्षपाती हूं, लेकिन मैं भारतीय सिनेमा का सबसे ज्यादा आनंद लेता हूं।’’

अभिनेता अभिषेक बच्चन का मानना है कि भारतीय फिल्मों में सिनेमा के सभी स्वरूपों का मिश्रण होता है और वे भोजन की एक ‘‘संपूर्ण थाली’’ जैसा अनुभव कराती हैं। अभिषेक (47) ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि दुनिया भारतीय सिनेमा और भावनाओं के प्रति रूचि दिखा रही है। अभिषेक ने आईफा (अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार) रॉक्स पुरस्कारसमारोह से इतर एक कार्यक्रम में शुक्रवार रात पीटीआई-से कहा, ‘‘हम हमेशा विश्वस्तरीय फिल्मों का निर्माण करते रहे हैं। हम दुनिया की बेहतरीन फिल्में बनाते हैं। इसे लेकर मैं पक्षपाती हूं, लेकिन मैं भारतीय सिनेमा का सबसे ज्यादा आनंद लेता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी फिल्में सिनेमा के सभी स्वरूपों का मिश्रण होती हैं। हमारी फिल्में हमारे भोजन की तरह होती हैं, हमारी थाली की तरह, जिसमें हर चीज का थोड़ा-थोड़ा हिस्सा होता है।’’ ‘‘युवा’’, ‘‘गुरु’’, ‘‘पा’’ और ‘‘सरकार’’ जैसी फिल्मों के जरिए अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले अभिषेक ने कहा, ‘‘हम जो काम कर रहे हैं, वह मुझे पसंद है और मैं बहुत खुश हूं कि दुनिया भारतीय फिल्मों और भारतीय भावनाओं का अनुभव कर रही है। यह बेहद अद्भुत है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह पश्चिमी फिल्म उद्योग में अवसरों की तलाश करना चाहेंगे क्योंकि अंतरराष्ट्रीय दर्शक अब भारतीय प्रतिभा को खुले दिल से स्वीकार कर रहे हैं, अभिषेक ने कहा, ‘‘विभिन्न फिल्म उद्योगों के बीच अब अंतर कम हो रहा है। हम सभी एक विशाल रचनात्मक दुनिया का हिस्सा हैं और इसमें कोई रुकावट नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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