बांग्लादेश: हसीना के तख्तापलट में 'विदेशी हाथ'? पूर्व मंत्री ने बाइडेन-क्लिंटन पर साधा निशाना

रशिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के ज़रिए फैलाए गए धन के चक्रव्यूह के बारे में बताया। उन्होंने यूएसएआईडी और इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट का उदाहरण दिया – जिससे सरकार विरोधी प्रदर्शनों को धन मुहैया कराने में मदद मिली, जिसके कारण अंततः शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा।
बांग्लादेश के एक पूर्व मंत्री ने पिछले साल शेख हसीना सरकार को गिराने में वर्तमान अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस और अमेरिका के शक्तिशाली परिवारों बाइडेन, क्लिंटन और सोरोस के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया है। इस हफ़्ते की शुरुआत में रशिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के ज़रिए फैलाए गए धन के चक्रव्यूह के बारे में बताया। उन्होंने यूएसएआईडी और इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट का उदाहरण दिया – जिससे सरकार विरोधी प्रदर्शनों को धन मुहैया कराने में मदद मिली, जिसके कारण अंततः शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा।
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5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश छोड़कर भागीं हसीना अब नई दिल्ली में निर्वासन में रह रही हैं, जबकि उनके देश में आने वाले महीनों में नए चुनाव होने वाले हैं। मोहिबुल हसन चौधरी ने कहा कि यूनुस के लंबे समय से प्रभावशाली परिवारों, खासकर क्लिंटन परिवार, से संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनकी मंशा या सहायता ही दंगाई को दी गई थी। चौधरी ने रशिया टुडे को बताया कुछ लोग सत्ता में थे, खासकर बाइडेन परिवार, क्लिंटन, सोरोस; इन परिवारों की मुहम्मद यूनुस से सांठगांठ थी। यह उनकी मंशा थी, या उनकी मदद से दंगाइयों को मदद दी गई। लेकिन कुछ और भी मुद्दे थे।
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