नस्लवाद को खत्म करेगा अमेरिका, बाइडेन ने नस्ली समानता से जुड़े आदेश पर किए हस्ताक्षर

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नस्ली समानता से जुड़े आदेश पर हस्ताक्षर किये।मंगलवार को राष्ट्रपति के चार कदमों की घोषणा करते हुए व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडन ने एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पिछले साल मई में मीनियापोलिस पुलिस के एक अधिकारी द्वारा हत्या का उल्लेख किया।

वाशिंगटन। अमेरिकी में “व्यवस्थित नस्लवाद” को खत्म करने के अपने मुख्य चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश भर में नस्ली समानता सुनिश्चित करने के लिये कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किये हैं। मंगलवार को राष्ट्रपति के चार कदमों की घोषणा करते हुए व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडन ने एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पिछले साल मई में मीनियापोलिस पुलिस के एक अधिकारी द्वारा हत्या का उल्लेख किया। श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉएड की गर्दन को अपने घुटनों से दबाया था और उसके यह कहने के बावजूद दबाव कम नहीं किया था कि उसका दम घुट रहा है। इस घटना के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हुए थे।

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बाइडन ने इस हत्या को “न्याय की गर्दन पर घुटना (नी ऑन द नेक ऑफ जस्टिस)” करार दिया और कहा कि इसकी वजह से “जमीनी बदलाव आया। इसने मन और मनोदशा को बदला।” बाइडन ने कहा, “राष्ट्रपति पद के लिये अपने प्रचार अभियान के दौरान मैंने यह बात बिल्कुल स्पष्ट की थी कि एक राष्ट्र के तौर पर वह समय आ गया है जहां हम अमेरिका में गहरी नस्ली असमानताओं और व्यवस्थित नस्लवाद का सामना कर रहे हैं जिसने हमारे देश को काफी खोखला किया।” नस्ली समानता की दिशा में चार कार्यकारी कदमों और आवासन एवं आपराधिक न्याय से व्यवस्थित नस्लवाद को उखाड़ फेंकने के पहले प्रयास के तहत बाइडन ने फिर अपने प्रशासन की प्रतिबद्धताओं को दर्शाया है जिसके तहत देश भर के परिवारों के लिये ‘अमेरिकन ड्रीम’ को हकीकत में बदलने की कोशिश की गई। जिसके तहत अश्वेत और अन्य अमेरिकियों के लिये अर्थव्यवस्था व अन्य क्षेत्रों में समान अवसर उपलब्ध हों।

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कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर से जुड़े व्हाइट हाउस के समारोह में बाइडन ने कहा, “हमनें इस राष्ट्र के स्थापना से जुड़े सिद्धांतों का कभी पूरी तरह अनुपालन नहीं किया कि सभी लोग समान हैं और जीवन भर समानरूप से व्यवहार किये जाने का अधिकार रखते हैं। अब कदम उठाने का वक्त आ गया है, सिर्फ इसलिये ही नहीं कि ऐसा करना सही है बल्कि इसलिये भी कि अगर हम ऐसा करते हैं तो यह हम सभी के लिये बेहतर होगा।” उन्होंने कहा, “काफी लंबे समय तक हमनें एक संकीर्ण, तंग नजरिये को पनपने दिया।” एक कार्यकारी आदेश में बाइडन ने संघीय एजेंसियों को विदेशी लोगों से भय खासकर एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीपीय देशों के लोगों के खिलाफ खौफ के फिर से पनपने के खिलाफ कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, “यह अस्वीकार्य हैं और यह अमेरिका के मुताबिक नहीं है। मैंने न्याय विभाग से एशियाई अमेरिकियों और प्रशांत द्वीपीय समुदाय के लोगों के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाने को कहा है जिससे इस तरह के घृणा अपराध रोके जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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