बिलावल ने यात्रा प्रतिबंध में पाक को शामिल करने के खिलाफ चेताया
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अमेरिका की यात्रा पर प्रतिबंध लगाये गये मुस्लिम बहुल राष्ट्रों की सूची में पाक को शामिल करने के खिलाफ ट्रंप प्रशासन को चेताया है।
वाशिंगटन। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अमेरिका की यात्रा पर प्रतिबंध लगाये गये मुस्लिम बहुल राष्ट्रों की सूची में अपने देश को शामिल करने के खिलाफ ट्रंप प्रशासन को चेतावनी देते हुये कहा है कि इस तरह का कदम दोनों देशों के बीच ‘‘वैमनस्य’’ उत्पन्न करेगा। बिलावल ने यह टिप्पणी ऐसे समय में दी है जब व्हाइट हाउस उन सात मुस्लिम बहुल देशों की सूची में विस्तार करने पर विचार कर रहा है जिनके नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर 90 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘जहां तक प्रतिबंध का संबंध है तो मुझे लगता है कि जिन देशों को इसमें शामिल किया गया है इसका उन पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा और अगर इसमें पाकिस्तान को शािमल किया जाएगा तो यह कदम वैमनस्य उत्पन्न करेगा।’’ वह इस सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि क्या उन सात देशों की सूची में पाकिस्तान को भी शामिल किया जा सकता है जिनके नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर 90 दिन की रोक संबंधी शासकीय आदेश पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किए थे। बिलावल ने कहा कि इस तरह की सूची में पाकिस्तान को शामिल करने से यह नकारात्मक संकेत जाएगा कि अमेरिका उन आदर्शों से दूर जा रहा है जिनके लिए यह खड़ा रहता था उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर बहुत अनिश्चितता है कि भविष्य की नीति क्या होगी और वह यह देखना चाहेंगे कि अमेरिका का आगे का रुख क्या होता है।
शीर्ष पाकिस्तानी नेता बिलावल ने कहा कि कथित मुस्लिम प्रतिबंध वर्तमान प्रशासन का बहुत ही विवादास्पद निर्णय प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में मेरी पीढ़ी के लिए एक प्रगतिशील मुसलमान के रूप में देशों को भय के चलते इस तरह से प्रतिक्रिया देते हुये देखना वास्तव में हतोत्साहित करने वाला है। हमने इतिहास से यह सीखा है कि मुद्दों से निपटने के लिए इस तरह का रास्ता सही नहीं होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केवल कुछ अपराधियों को हर किसी के लिए माहौल को खराब करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम जगत में कट्टरपंथी चरमपंथ से लड़ रहे लोगों के लिए यह कदम बहुत हतोत्साहित करने वाला है क्योंकि उस दुनिया में अमेरिकी आदर्शों या स्वतंत्रता के लिए नहीं बल्कि अपने विश्वास और मूल्यों के लिए लड़ाई लड़ने में हर दिन लोगों की जान जा रही है।’’
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