अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति सफल नहीं होगी: China

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कांग ने कहा, ‘‘अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि के लिए आजादी और खुलेपन को कथित तौर पर बरकरार रखते हुए नाटो के एशिया प्रशांत प्रारूप की योजना बनाकर टकराव भड़काने तथा क्षेत्रीय एकीकरण को कमजोर करने के वास्ते एक विशेष गुट बनाने की कोशिश है।’’

चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति पर मंगलवार को निशाना साधते हुए कहा कि इसका मकसद ‘‘विशेष गुट’’ बनाकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के क्षेत्रीय प्रारूप के जरिये उसे ‘‘घेरना’’ है, लेछिन इसमें नाकामी मिलने वाली है। चीन अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति के साथ ही अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के ‘क्वाड’ समूह का भी शुरुआत से ही विरोध कर रहा है।

कांग ने कहा, ‘‘अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि के लिए आजादी और खुलेपन को कथित तौर पर बरकरार रखते हुए नाटो के एशिया प्रशांत प्रारूप की योजना बनाकर टकराव भड़काने तथा क्षेत्रीय एकीकरण को कमजोर करने के वास्ते एक विशेष गुट बनाने की कोशिश है।’’ उन्होंने चीन की संसद से इतर अपने पहले वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोई शीत युद्ध फिर से शुरू होना नहीं चाहिए और एशिया में यूक्रेन जैसा कोई संकट दोहराना नहीं चाहिए।’’

अपने करीब दो घंटे के संवाददाता सम्मेलन में कांग ने कहा, ‘‘अमेरिका का चीन द्वारा संचालित सामरिक माहौल को बदलने का दावा उसे (चीन को) घेरने की उसकी हिंद-प्रशांत रणनीति के उद्देश्य का खुलासा करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे प्रयास से क्षेत्रीय देशों के दीर्घकालीन हितों को नुकसान पहुंचेगा। यह कामयाब नहीं होने जा रहा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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