चुनाव परिणामों को प्रभावित करना मुश्किल है: अमेरिकी खुफिया प्रमुख

अमेरिका के खुफिया प्रमुख ने कहा है कि अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करने का रूस का इतिहास रहा है लेकिन अमेरिका की मतदान तंत्र की विकेंद्रीकृत प्रकृति के मद्देनजर किसी के लिए भी चुनाव परिणामों को प्रभावित करना ‘‘बहुत मुश्किल’’ है।

न्यूयार्क। अमेरिका के खुफिया प्रमुख ने कहा है कि अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करने का रूस का इतिहास रहा है लेकिन अमेरिका की मतदान तंत्र की विकेंद्रीकृत प्रकृति के मद्देनजर किसी के लिए भी चुनाव परिणामों को प्रभावित करना ‘‘बहुत मुश्किल’’ है। राष्ट्रीय खुफिया के निदेशक जेम्स क्लैपर ने काउंसिल ऑन फोरेन रिलेशंस के सत्र में कल यहां कहा, ‘‘मैं यह कहूंगा कि (तत्कालीन) सोवियत संघ, अब रूस का यह इतिहास रहा है कि उन्होंने अपने और अन्य लोगों के चुनावों में हस्तक्षेप किया है। इस बात का इतिहास रहा है कि उन्होंने हमारे चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की पहले भी कोशिश की है।’’ 

जब मध्यस्थ एवं टीवी पत्रकार चार्ली रोज ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इन आरोपों के बारे में पूछा कि अमेरिका मास्को में चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है, क्लैपर ने कहा, ‘‘जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं’’ उन्हें दूसरों पर आरोप नहीं लगाने चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या पुतिन अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया के बारे में संदेह पैदा करने में सफल रहे हैं और क्या मास्को आठ नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान मशीनों की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है, क्लैपर ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा नहीं लगता, लेकिन यह ऐसा मामला नहीं है जिस पर राष्ट्रीय खुफिया तंत्र फैसला करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस मामले में हमारी ताकत हमारी मतदान प्रणाली की अत्यंत विकेंद्रीकृत प्रकृति है जो राज्यों एवं स्थानीय अधिकार क्षेत्रों द्वारा संचालित की जाती है। इसके कारण परिणाम प्रभावित करना बहुत मुश्किल है।''

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


अन्य न्यूज़