यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं ने उठाया कश्मीर और CAA का मुद्दा, जयशंकर ने किया बचाव
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संबंधों में नयी ऊर्जा डालने और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। यूरोपीय संसद में सांसदों ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें भारत के संशोधित नागरिकता कानून को ‘भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी प्रकृति ’का बताते हुए आलोचना की गयी है।
ब्रसेल्स। यूरोपीय संघ के साथ करीबी रणनीतिक संबंधों की उम्मीद के साथ ब्रसेल्स पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और कश्मीर में उठाए गए कदमों का बचाव किया।
A positive and productive discussion at the Foreign Affairs Council of the EU. Thank the attending Foreign Ministers, Ambassadors & senior officials and most of all HR @JosepBorrellF. Looking forward to working together to strengthen this key partnership. pic.twitter.com/yxplxptpe5
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 17, 2020
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जयशंकर ने संबंधों में नयी ऊर्जा डालने और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। यूरोपीय आयोग की नयी अध्यक्ष उर्सूला वोन डेर लीयेन चाहती हैं कि ब्रसेल्स की और ‘भूराजनैतिक भूमिका’ हो और इसके तहत उन्होंने मार्च में एक शिखर सम्मेलन करने की उम्मीद जतायी जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे।
विदेश नीति के लिए यूरोप के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने जलवायु परिवर्तन, डिजिटल क्रांति और चीन के उभार को साझा चुनौतियां बताते हुए कहा कि ‘‘भारत और यूरोपीय संघ बहुत सी बातें साझा करते हैं।’’बोरेल के साथ जयशंकर ने भारत और ब्रसेल्स के संबंधों के नये स्तर पर पहुंचने की उम्मीद जतायी। जयशंकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वार्ता से रणनीतिक भागीदारी की पुष्टि होगी ।
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यूरोपीय संसद में सांसदों ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें भारत के संशोधित नागरिकता कानून को ‘भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी प्रकृति ’का बताते हुए आलोचना की गयी है। हालांकि, यह गैर बाध्यकारी प्रस्ताव अभी तक पारित नहीं हुआ है और जयशंकर ने कहा है कानून को लेकर गलत समझा गया है।
सीएए को लेकर भारत में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और इस कानून को लेकर विदेश में चिंताएं पैदा हुई हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत की आलोचना करने वालों ने सरकार की नीति को सही से नहीं समझा है । उन्होंने सीएए के नियमों की तुलना यूरोप में आव्रजन और शरणार्थी बसाहट से करते हुए उल्लेख किया कि यूरोप के कई देश भी राष्ट्रीय या सांस्कृतिक मानदंडों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के नए कानून से राज्यविहीन होकर रह रहे लोगों की संख्या घटेगी।
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नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कश्मीर को लेकर भी ब्रसेल्स के रुख पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारत ने पिछले सप्ताह विदेशी राजनयिकों को कश्मीर के दौरे के लिए आमंत्रित किया था। जयशंकर ने इस पर भी अपनी राय रखी और कहा कि वहां निवेश किए जा रहे हैं । उन्होंने सरकार द्वारा वहां चलाए जा रहे कई कार्यक्रमों का उल्लेख किया।
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