US सीनेटर माइक ली ने कहा, ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए भारतीयों को लगेंगे 195 साल

AMERICA GREEN CARD

रिपब्लिनकन पार्टी के एक शीर्ष सीनेटर ने कहा कि भारतीयों को ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।सीनेटर माइक ली ने बुधवार को कहा कि मौजूदा ग्रीन कार्ड नीति में आव्रजकों के बच्चों के लिए कुछ नहीं हैं,जिनके माता-पिता के ग्रीन कार्ड आवेदन को अंततःअस्वीकार कर दिया गया थाक्योंकि उनके पास नौकरी नहीं थी।

वाशिंगटन। रिपब्लिनकन पार्टी के एक शीर्ष सीनेटर ने कहा कि भारतीय नागरिकों को स्थायी निवासी प्रमाण पत्र या ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने अपने सीनेटर साथियों से इस समस्या का निदान करने के लिए एक विधायी प्रस्ताव लानी की अपील भी की। ‘ग्रीन कार्ड’ को आधिकारिक तौर पर स्थायी निवास कार्ड कहा जाता है। अमेरिका में प्रवासियों को यह दस्तावेज एक सबूत के तौर पर दिया जाता है कि उसे स्थायी तौर पर वहां रहने का विशेषाधिकार हासिल है। सीनेटर माइक ली ने बुधवार को कहा कि मौजूदा ग्रीन कार्ड नीति में आव्रजकों के बच्चों के लिए कुछ नहीं हैं, जिनके माता-पिता (जिनकी मौत हो चुकी है) के ग्रीन कार्ड आवेदन को अंततः अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि उनके पास नौकरी नहीं थी।

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ली ने सीनेटर में कहा, ‘‘ भारत से अभी आने वाले किसी भी व्यक्ति को ईबी-3 ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए 195 साल लगेंगे।’’ 2019 वित्त वर्ष में श्रेणी 1 (ईबी1) में 9008, श्रेणी 2 (ईबी2) में 2908 और श्रेणी 3 (ईबी3) में 5083 भारतीय नागरिकों को ग्रीन कार्ड दिए गए। ईबी1-3 एक अलग श्रेणी का रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड है। सीनेटर डीक डर्बिन ने कहा, ‘‘ यहां अस्थायी कामकाजी वीजा पर काम कर रहे कई लोगों के लिए ग्रीन कार्ड काफी महत्वपूर्ण है। बैकलॉग (लंबित मामले) परिवारों को अपनी आव्रजन स्थिति को खोने के खतरे में डालता है क्योंकि कई साल इंतजार कर उन्हें बैकलॉग खत्म होने के बाद यह ग्रीन कार्ड मिलता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा द्विदलीय समझौता आव्रजक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्य जो बैकलॉग में फंसे हैं, उनके लिए महत्वपूर्ण सुधार जोड़ेगा, जो कि मूल विधेयक में नहीं है। वे अप्रवासी का दर्जा खोए बिना अब नौकरी बदल सकेंगे और यात्रा कर सकेंगे। आव्रजक कर्मचारियों के बच्चों को भी संरक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि उन्हें निर्वासित ना किया जाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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