Britain: नया ब्रिटिश गुजराती संसदीय समूह बनाने पर भारतीय समुदाय को आपत्ति

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ब्रिटिश गुजराती ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप (एपीपीजी) को नए निकाय के तौर पर पंजीकृत किया गया है और इसके गठन के पीछे का उद्देश्य ब्रिटिश गुजराती समुदाय की आर्थिक, स्वास्थ्य, सामाजिक और सांस्कृतिक जरूरतों को संसद में प्रतिबिंबित करना है तथा खास तौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल पर ध्यान आकृष्ट करना है।

ब्रिटेन में रह रहे भारतवंशियों के कई संगठनों ने पत्र जारी कर ब्रिटिश गुजरातियों के नए अंतर दलीय संसदीय समूह के गठन पर आपत्ति जताई है। इन संगठनों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह कदम ‘‘विभाजनकारी’’ हो सकता है। ब्रिटिश गुजराती ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप (एपीपीजी) को नए निकाय के तौर पर पंजीकृत किया गया है और इसके गठन के पीछे का उद्देश्य ब्रिटिश गुजराती समुदाय की आर्थिक, स्वास्थ्य, सामाजिक और सांस्कृतिक जरूरतों को संसद में प्रतिबिंबित करना है तथा खास तौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल पर ध्यान आकृष्ट करना है।

फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल (एफआईएसआई) ब्रिटेन ने पिछले सप्ताह जारी पत्र में कहा,‘‘यह कदम विभाजनकारी है और ब्रिटिश भारतीय समुदाय के हितों के खिलाफ है। हम इसकी स्थापना का कोई ठोस कारण नहीं देखते क्योंकि इसकी चिंताएं ब्रिटिश भारतीय समुदाय से अलग नहीं हैं तथा इसलिए इन्हें ब्रिटिश हिंदू एपीपीजी और भारतीयों के लिए एपीपीजी के जरिये उठाया जा सकता है।’’

एफआईएसआई ने चेतावनी दी कि नए समूह का गठन ‘‘ ब्रिटिश भारतीय समुदाय और यहां तक भारत की एकता पर हमला है तथा हिंदू/भारतीय समुदाय में इस तरह की दुर्भावनापूर्ण कोशिश को हतोत्साहित किया जाना चाहिए।’’ इसी तरह की भावना हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन, ब्रिटिश सिख एसोसिएशन और ब्रिटिश गुजराती समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली नेशनल एसोसिएशन ऑफ पाटीदार समाज ने भी पत्र जारी कर व्यक्त की है।

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