दुनिया के 85 देशों में घुसा भारत, जो देश कभी दिखाते थे आंखे, आज खामोश बैठेने पर क्यों हुए मजबूर
भारत वर्तमान में 85 देशों के डिफेंस सेक्टर में अपने पांव पसार चुका है। भारत ने ऐलान किया है कि वो डिफेंस एक्सपोर्ट यानी रक्षा निर्यात में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। जो देश कभी भारत को आंखे दिखाते थे वे आज खामोश बैठे हैं। भारतीय रक्षा उद्योग पिछले एक दशक में लगातार विस्तार कर रहा है। भारत सरकार सक्रिय रूप से रक्षा निर्यात को बढ़ावा दे रही है जो आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है और अब 23 गुना वृद्धि के साथ भारत का रक्षा निर्यात सर्वकालिक है। केवल नौ वर्षों की अवधि में भारत का रक्षा निर्यात 2022 और 2023 में लगभग 1900 मिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जो 2013 और 2014 में केवल 82 मिलियन डॉलर से बढ़ रहा है। उल्लेखनीय वृद्धि वैश्विक रक्षा में भारत की प्रगति को दर्शाती है।
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भारत वर्तमान में 85 देशों के डिफेंस सेक्टर में अपने पांव पसार चुका है। भारत ने ऐलान किया है कि वो डिफेंस एक्सपोर्ट यानी रक्षा निर्यात में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। भारत सरकार ने बताया है कि साल 2013 से 2014 के बीच देश का रक्षा निर्यात 686 करोड़ था। जो अब 2022-23 में बढ़कर 16 हजार करोड़ हो गया है। य़ानी डिफेंस एक्सपोर्ट में भारत ने 23 गुणा वृद्धि दर्ज की है। पिछले पांच वर्षों में, भारत ने रक्षा उत्पादन पर अपना जोर बढ़ाया है और आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इनमें कई हथियारों, प्रणालियों और पुर्जों के आयात पर रोक लगाना शामिल है। देश में विकसित सैन्य साजो-सामान खरीदने के लिए एक अलग बजट आवंटित करना, रक्षा उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 49% से बढ़ाकर 74% करना शामिल है।
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एक समय था जब भारत अपनी सेनाओं के लिए सैन्य हथियार और डिफेंस प्रोडक्ट बाहर से मंगवाता था। लेकिन अब भारत न केवल अपनी सेनाओं के लिए खुद ही हथियार बना रहा है। बल्कि बड़ी मात्रा में इसका निर्यात भी कर रहा है। 2018-2019 के बीच भारत दूसरे देशों के हथियारों पर 46 फीसदी निर्भर था। लेकिन दिसंबर तक हथियारों को लेकर दूसरे देशों पर भारत निर्भरता केवल 36.7 फीसदी रह गई है। भारत अब अपने लिए खुद ही मिसाइलें बना रहा है जिसमें ब्रह्मोस और अग्नि शामिल हैं। प्रचंड नाम का लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर भी भारत खुद बना रहा है।
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