भारतीय मूल के डॉक्टर ने ब्रिटिश PM को लिखा पत्र, की इन सुविधाओं की मांग

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भारतीय मूल के डॉक्टर ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत बताई है। उन्होंने इस संकट से निपटने में कुछ अवसरों का लाभ नहीं उठाये जाने की बात भी कही है और सवाल किया है कि जर्मनी जैसे देश कैसे इस घातक वायरस पर जांच के जरिये नियंत्रण पाने में सफल रहे जबकि ब्रिटेन पिछड़ गया।

लंदन। भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना वायरस महामारी समाप्त के बाद भी सरकार संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को पूरी तरह संसाधन संपन्न रखा जाए। दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के डोरसेट से शिशुरोग विशेषज्ञ प्रोफेसर मिनेश खाशू ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री को कोरोना वायरस से निपटने में सरकार के कदमों के संबंध में कड़े शब्दों में पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि जिन चिकित्साकर्मियों को संकट के इस दौर में नायक की तरह पूजा जा रहा है, उन्हें सराहना से ज्यादा बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है। उन्होंने इस संकट से निपटने में कुछ अवसरों का लाभ नहीं उठाये जाने की बात भी कही है और सवाल किया है कि जर्मनी जैसे देश कैसे इस घातक वायरस पर जांच के जरिये नियंत्रण पाने में सफल रहे जबकि ब्रिटेन पिछड़ गया।

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खाशू ने पत्र में लिखा, ‘‘हमें कुछ देने का सर्वश्रेष्ठ तरीका होगा कि एक अच्छी खासी वित्तपोषित और टिकाऊ स्वास्थ्य तथा सामाजिक देखभाल प्रणाली होनी चाहिए। कोविड-19 के संकट ने अचानक से सभी को यह मानने के लिए मजबूर कर दिया है कि हमें अपने नायकों की प्रशंसा और पूजा करनी होगी, लेकिन हमें वास्तव में जरूरत है कि एक बेहतर वित्तपोषित प्रणाली हो तथा काम के वक्त हमारे लिए बुनियादी सुविधाएं हों।’’ कोरोना वायरस से निपटने में अग्रिम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर ने इस बात पर जोर दिया है कि बुधवार को डेली मिरर में प्रकाशित खुला पत्र दरअसल व्यक्तिगत स्तर पर लिखा गया था, ना कि पेशेवर स्तर पर।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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