अर्जेन्टीना में सैन्य शासन के विरोधियों को प्रताड़ित करने पर 28 को उम्रकैद
अर्जेन्टीना की अदालत ने देश में 1976 से 1983 के दौरान रहे सैन्य शासन के विरोधियों को खुफिया हिरासत केंद्र में प्रताड़ित करने और मार डालने के जुर्म में 28 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
ब्यूनस आयर्स। अर्जेन्टीना की एक अदालत ने देश में वर्ष 1976 से 1983 के दौरान रहे सैन्य शासन के विरोधियों को एक खुफिया हिरासत केंद्र में प्रताड़ित करने और मार डालने के जुर्म में 28 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने गुरुवार को जिन लोगों को सजा सुनाई है उनमें जनरल लुसियानो मेनेन्डेज शामिल हैं। ‘‘द हाएना’’ के नाम से चर्चित मेनेन्डेज को ला पेरला नामक खुफिया हिरासत केंद्र में रखे गए प्रशासन विरोधियों को प्रताड़ित करते समय ठहाके लगाने का दोषी ठहराया गया है।
कोरडोबा प्रांत के एक कुख्यात केंद्र में मानवाधिकारों का हनन किए जाने के जुर्म में, 89 वर्षीय मेनेन्डेज उम्रकैद की 11 सजाएं पहले से ही काट रहे हैं। हालिया सुनवाई में मेनेन्डेज को नरसंहार के 52 मामलों, अपहरण के 260 मामलों, प्रताड़ित करने के 656 मामलों और उन बंदियों के लापता होने के 82 मामलों में दोषी ठहराया गया जिनका कभी भी पता नहीं चल पाया। मेनेन्डेज और उनके सह-आरोपियों पर अपहरण, प्रताड़ना, हत्या, 700 से अधिक पीड़ितों के नवजात शिशुओं को चुरा लेना आदि अपराधों का आरोप लगाया गया था। इन 700 से अधिक पीड़ितों में से 279 अब तक आधिकारिक तौर पर लापता हैं। दस अन्य लोगों को ढाई साल से लेकर 21 साल तक की सजा सुनाई गई है। वर्ष 2012 में शुरू किए गए इस ऐतिहासिक मामले में करीब 600 लोगों ने गवाही दी। देश में वर्ष 1976 से 1983 के दौरान रहे सैन्य शासन के करीब 30,000 विरोधियों को या तो मार डाला गया या वे ‘‘लापता’’ हो गए।
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