Turkey में भूकंप के 100 से अधिक घंटों बाद मलबे से निकाले गए जिंदा लोग

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तुर्किये में आए भीषण भूकंप के 100 घंटों से भी अधिक समय के बाद बचाव और राहत कर्मियों ने उस समय राहत की सांस ली जब उन्होंने खराब मौसम और कड़ाके की सर्दी के बावजूदमलबे में कई लोगों को जिंदा निकालने में सफलता हासिल की।

तुर्किये में आए भीषण भूकंप के 100 घंटों से भी अधिक समय के बाद बचाव और राहत कर्मियों ने उस समय राहत की सांस ली जब उन्होंने खराब मौसम और कड़ाके की सर्दी के बावजूदमलबे में कई लोगों को जिंदा निकालने में सफलता हासिल की। बचाए गए लोगों में छह रिश्तेदार भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि क्रमश: 7.8 और 7.5 तीव्रता के आएभूकंप के दो बड़े झटकों से तुर्किये और सीरिया में भारी तबाही हुई है और22 हजार से भी अधिक लोगों की मौत हुई है।

तुर्किये के इस्केंदेरुन में बचावक्रमियों ने मलबे के नीचे 101 घंटे तक दबे रहे छह लोगों को शुक्रवार सुबह जिंदा निकाल लिया। वहीं, एक किशोर को भी सुरक्षित निकाला गया जो अपना पेशाब पीकर जिंदा रहा और साथ ही एक चार साल के बच्चे को भी निकाला गया है। एक खोज और बचावकर्मी मूरत बेगुल ने बताया कि इन छह लोगों को ध्वस्त इमारत के भीतर बची एक छोटी सी जगह में एक साथ रहने से जीवित बच पाने में मदद मिली। सभी छह लोग रिश्तेदार हैं।

इस भूकंप से मरने वाले लोगों की तादाद जापान के फुकुशिमा में आए भूकंप और सुनामी से होने वाली मौतों की संख्या से भी अधिक हो गई है और मलबों से शवों का निकलने का सिलसिला जारी है जिससे हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका हैं भूकंप के चार दिनों के बाद भूकंप के केंद्र रहे गैजियांतेप स्थित एक मकान की इमारत से बचाव कर्मियों ने 17 वर्षीय अदनान मुहम्मद कोरकुत को जिंदा निकाला।वह, 94 घंटे से मलबे में दबा था और अपना ही पेशाब पीकर जिंदा रहा। कोरकुत ने कहा, ‘‘ईश्वर का शुक्र है कि आप (बचावकर्मी) आए।’’

उसकी मां और अन्य ने उसेतब चूमा जब कोरकुत को एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था। इस बीच, अदियामान में बचावकर्मियों ने भूकंप में दबे रहने के करीब 105 घंटे बाद चार साल के योगिज कोमसु नामक बच्चे को जिंदा निकाला। बचाव कार्य का सजीव प्रसारण करने वाले हाबेर तुर्क के मुताबिक बच्चे को निकालने के बाद उसकी मां को मलबे से निकाले की कोशिश शुरू कर दी गई है। बचाव कर्मियों ने बच्चे को बाहर निकालने के बाद भीड़ से खुशी में शोर नहीं मचाने को कहा क्योंकि बच्चा सहमा हुआ था।

हबेरतुर्क टेलीविजन चैनल ने बताया कि इस्केंदरुन शहर की एक बहुमंजिला इमारत के मलबे में फंसे नौ लोगों की पहचान की गई है जिनमें से एक महिला सहित छह लोगों को निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि इमारत भूमध्य सागर से महज 200 मीटर दूर थी और भूकंप के बाद उठी ऊंची लहरों से आई बाढ़ से बाल-बाल बची थी। इस्केंदेरुन शहर में भूकंप के 109 घंटे के बाद एक विवाहित जोड़े को मलबे से निकाला गया। मलबे से जिंदा निकाले जाने की और घटनाएं भी सामने आई हैं। जर्मन बचाव टीम ने बताया कि उसने किरिखान स्थित एक मकान से करीब 50 घंटे के बाद मलबे से एक महिला को जिंदा निकालने में सफलता हासिल की है।

भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित कहरामंमरास में दो किशोरी बहनों को बचाया गया। हबेरतुर्क टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो में दिखाई दे रहा है कि मलबे में फंसी एक महिला बचाव कर्मियों से बात कर रही है जिसे निकालने की कोशिश की जा रही है। उसने बचाव कर्मियों को बताया कि वह उम्मीद खो चुकी थी क्योंकि बहुत सर्दी थी और प्रार्थना में सोकर समय बिता रही थी। हालांकि, चैनल ने यह नहीं बताया कि वीडियो कहा की है। विशेषज्ञों का कहना है कि मलबे में व्यक्ति एक सप्ताह या इससे अधिक समय तक जिंदा रह सकता है लेकिन कड़ाके की पड़ रही ठंड की वजह से संभावनाए क्षीण होती जा रही हैं।

गौरतलब है कि इलाके में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और शवों को रखने व उनकी पहचान करने के लिए अस्थायी मुर्दाघर बनाए गए हैं। कई इलाकों में अब भी लोग तंबू व भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तुर्किये के कुछ लोगों ने भूकंप के बाद सरकार की ओर से धीमी प्रतिक्रिया की शिकायत की है और माना जा रहा है कि तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन को मई में होने वाले चुनाव में झटका लग सकता है। भूकंप ने सीरिया में 12 साल से जारी गृहयुद्ध का सामना कर रहे लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा दिया है।

युद्ध की वजह से लाखों लोगों को देश में ही विस्थापित होना पड़ा है और तुर्किये में शरण लेनी पड़ी है। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि भूकंप संबंधी राहत सामग्री की पहली खेप तय दिन से एक दिन बाद शुक्रवार को तुर्किये से पश्चिमोत्तर सीरिया में दाखिल हुई। राहत सामग्री ले जाने वाले ट्रकों का रास्ता गत कई दिनों से मलबे की वजह से बाधित हुआ था। इस बीच, भूकंप आने के बाद पहली बार सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से दिखे। उन्होंने अपनी पत्नी आसमा के साथ अलेप्पो यूनिवर्सिटी अस्पताल का दौरा किया।

उन्होंने भूकंप प्रभावित इलाकों में बचावकर्मियों से भी मुलाकात की। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस और संगठन की आपात सेवा के प्रमुख डॉ. माइकन रेयान के देर शुक्रवार को सहायता वितरण में मदद के लिए अलेप्पो आने की उम्मीद है। तुर्किये के मुख्यतौर पर कुर्दिश बहुल दक्षिण पूर्व में अलगाववादी आंदोलन चला रहे प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर पार्टी (पीकेके) ने शुक्रवार को संघर्ष विराम की घोषणा की। तुर्किये के आपदा प्रबंधन एजेंसी ने अबतक भूकंप से 19300 की मौत और करीब 77000 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है।

सरकार ने अबतक बेघर हुए लोगों की संख्या नहीं बताई है। वहीं, सीरिया में 3,300 लोगों के भूकंप से मारे जाने की पुष्टि की गई है जिन्हें मिलाकर अबतक भूकंप में कुल 22,000से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्किये के पर्यावरण और शहरी नियोजन मंत्री मुरत कुरुम के अनुसार करीब 12,000 इमारत ढह गई हैं या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं, वर्ष 2011 में जापान के फुकिशिमा में आए भूकंप और सुनामी में जान गंवाने वालों की संख्या 18,400 थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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