Russia Ukraine War: पुतिन का क्रीमिया इंतकाम, ब्लैक से रेड सी तक मचा कोहराम

Black to Red Sea
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Dec 28 2023 1:18PM

मध्य पूर्व में वर्चस्व की सदियों पुरानी लड़ाई है। इसे महज कोई संयोग नहीं माना जा सकता कि 23 दिसंबर को एमवी केम प्लूटो पर हूती विद्रोहियों द्वारा ड्रोन हमले से निशाना बनाया गया।

इज़राइल-हमास युद्ध एक क्षेत्रीय संकट में बढ़ने की ओर अग्रसर दिखाई दे रहा है। गाजा में युद्ध फैलने के संकेत भारत के तटों के करीब एक व्यापारिक जहाज पर हुए हमले के बाद महसूस किए जाने लगे हैं। इसके पीछे मध्य पूर्व में वर्चस्व की सदियों पुरानी लड़ाई है। इसे महज कोई संयोग नहीं माना जा सकता कि 23 दिसंबर को एमवी केम प्लूटो पर हूती विद्रोहियों द्वारा ड्रोन हमले से निशाना बनाया गया। इसे भारतीय तट से लगभग 200 समुद्री मील दूरी पर निशाना बनाया गया। मालवाहक जहाज सऊदी अरब के अल जुबैल बंदरगाह से भारत के न्यू मैंगलोर बंदरगाह तक कच्चा तेल ले जा रहा था।

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ब्लैक सी से रेड सी तक फैली जंग

25 दिसंबर की शाम क्रीमिया धामकों से दहल उठा। यूक्रेन ने रूस के नोवोचेरकास्क पर मिसाइल हमला किया। लेकिन 24 घंटे बाद 26 दिसंबर को ब्लैक सी से 2600 किलोमीटर दूर पुतिन ने अमेरिका के खिलाफ सबसे बड़ा प्रॉक्सी वॉर फ्रंट खोल दिया। पुतिन की ये अमेरिका को सीधी चुनौती है। अमेरिकी जहाज पर लाल सागर में अब से पहले इतना बड़ा हमला नहीं हुआ था। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने मित्र देश ईरान के साथ मिलकर लाल सागर में अमेरिका के खिलाफ बड़ा युद्ध छेड़ दिया है। यमन के सागर तट से हूती ने अमेरिकीन नेवल फ्रिल्ट को निशाना बनाकर हमले शुरू कर दिए। एमएससी यूनाइटेड मालवाहक जहाज पर हमला किया गया। हूती ने इस जहाज पर 5 मिसाइलों से हमला किया। इसके साथ ही हूती ने 12 ड्रोन अटैक भी किए। दरअसल, रूस ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध का बड़ा मोर्चा खोल दिया है। इसे पुतिन के ब्लैक सी हमले का प्रतिशोध माना जा रहा है। 

बढ़ता संघर्ष दुनिया को कैसे प्रभावित कर सकता है?

इस युद्ध के निहितार्थ संघर्ष के तात्कालिक रंगमंच तक सीमित नहीं हैं। वैश्विक प्रभाव बहुत गहरे हैं, जिससे व्यापार और वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित होने की संभावना है। हमलों ने कुछ माल वाहकों को अधिक किफायती स्वेज नहर मार्ग के बजाय अफ्रीका मार्ग लेने के लिए प्रेरित किया है। इससे वैश्विक आपूर्ति शृंखला बाधित हो सकती है। दुनिया का 20% से अधिक कच्चा तेल पश्चिम एशिया से आता है, और क्षेत्र में संघर्ष से कच्चे तेल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए, वृद्धि से गैस की कीमतें 5 डॉलर प्रति गैलन से ऊपर जा सकती हैं, मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है, और देश को मंदी में डुबाने का जोखिम हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चिंता के साथ देख रहा है क्योंकि मध्य पूर्व की स्थिरता दूरगामी आर्थिक और भू-राजनीतिक परिणामों की संभावना के साथ अधर में लटकी हुई है। ऐसा होने का एक उदाहरण 23 दिसंबर को भारत की ओर जाने वाले एमवी केम प्लूटो पर हुए हमले में देखा गया, जो भारत के तट से बहुत दूर नहीं था।

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इजरायल का बड़ा ऐलान

इजराइल ने घोषणा की है कि वह अब संयुक्त राष्ट्र कर्मियों को स्वचालित रूप से वीजा नहीं देगा। इज़रायली सरकार ने आरोप लगाया कि संयुक्त राष्ट्र के कुछ कर्मचारी हमास के साथ सहभागी भागीदार थे। इसमें कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों के आवेदनों पर अब मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा। इजरायली सरकार के प्रवक्ता ने फैसले की घोषणा करते हुए संयुक्त राष्ट्र पर तीखा हमला बोला

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