Pakistan सेना के सेवानिवृत्त जनरल लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार

Pakistan Army
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ जनता को भड़काने के आरोप में पाकिस्तानी सेना के एक सेवानिवृत्त जनरल को सोमवार तड़के गिरफ्तार किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अमजद शोएब को इस्लामाबाद पुलिस ने संघीय राजधानी में उनके निवास से हिरासत में लिया।

राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ जनता को भड़काने के आरोप में पाकिस्तानी सेना के एक सेवानिवृत्त जनरल को सोमवार तड़के गिरफ्तार किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अमजद शोएब को इस्लामाबाद पुलिस ने संघीय राजधानी में उनके निवास से हिरासत में लिया। इससे पूर्व रविवार को मजिस्ट्रेट ओवैस खान ने शोएब के खिलाफ रमना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शोएब को इस्लामाबाद की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस ने आरोपों की जांच के लिए उनकी सात दिनों की हिरासत मांगी थी। प्राथमिकी पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाले बयान) पर आधारित है। प्राथमिकी के अनुसार, सेवानिवृत्त जनरल ने एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान लोगों को संस्थानों के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसाया। शिकायत में कहा गया कि सेवानिवृत्त जनरल ने एक टीवी शो ‘इमरान खान बीओएल के साथ’ के एक साक्षात्कार में ये टिप्पणियां कीं।

प्राथमिकी में कहा गया है कि ‘जेल भरो तहरीक’ आंदोलन वांछित परिणाम नहीं दे सका क्योंकि केवल लोग दर्द और पीड़ा सह रहे थे, जबकि ‘‘शीर्ष पर बैठे अहंकारी और बेशर्म शासकों पर फर्क नहीं पड़ा।’’ मजिस्ट्रेट ने कहा कि सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को ‘रणनीति तैयार करने’ की भी सलाह दी। प्राथमिकी में कहा गया, ‘‘शोएब ने कहा कि आप लोगों को इस्लामाबाद में सरकारी कार्यालयों में जाने से रोक सकते हैं।’’

शोएब पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान टीवी टॉक-शो का नियमित चेहरा रहे हैं और अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और इजराइल की एक टीम के बीच हुई बैठक का दावा करने के बाद उन्हें पिछले साल 7 सितंबर को संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पेश होने को लेकर समन जारी किया था। हालांकि, वह एफआईए की साइबर क्राइम विंग के सामने पेश नहीं हुए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़