अमेरिकी सीनेटर का दावा, पिछले दो दशकों के दौरान भारत, चीन हुए अमीर , पर नहीं उठाना चाहते जिम्मेदारी

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अमेरिका के सीनेटर चक ग्रासले ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस ‘असंतुलन’के मुद्दे को उठाया है, जिससे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को अधिक सुसंगत बनाया जा सके। ग्रासले सीनेट की शक्तिशाली वित्त समिति के चेयरमैन हैं।

वाशिंगटन। चीन और भारत जैसे देश पिछले दो दशक के दौरान काफी अमीर हुए हैं, लेकिन वे कोई नई जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं हैं। एक शीर्ष अमेरिकी सीनेटर ने यह दावा किया है। सीनेटकर चक ग्रासले ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस ‘असंतुलन’के मुद्दे को उठाया है, जिससे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को अधिक सुसंगत बनाया जा सके। ग्रासले सीनेट की शक्तिशाली वित्त समिति के चेयरमैन हैं। उन्होंने बुधवार को डब्ल्यूटीओ पर कांग्रेस में सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

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उन्होंने दावा किया, ‘‘कोई भी यह उम्मीद नहीं कर रहा था कि उरुग्वे दौर आखिरी वैश्विक व्यापार का दौर होगा। पिछले दो दशक के दौरान चीन और भारत जैसे देश अधिक अमीर हुए हैं, लेकिन उन्होंने कोई नई जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है।’’ ग्रासले ने कहा, ‘‘इसके उलट दोनों देश अपने को विकासशील देश बताते हुये भविष्य की वार्ताओं में उनके साथ विशेष व्यवहार किये जाने का दावा करते हैं।’’ सीनेटर ने कहा कि यह धारणा कि चीन और भारत के साथ कैमरून जैसे देश की तरह का बर्ताव होना चाहिए, पूरी तरह बचकानी बात है। ‘‘ऐसे में मैं राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा इस असंतुलन को दूर करने और डब्ल्यूटीओ को अधिक तार्किक बनाने के प्रयास की सराहना करता हूं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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