श्रीलंका में इमरजेंसी घोषित, पूरे देश में हिंसा-हंगामे से हालात हुए बेकाबू
श्रीलंकाई सरकार की सूचना के मुताबिक, राजपक्षे ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और आपूर्ति और आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए आपातकाल की घोषणा की गई है। गौरतलब है कि, गुरुवार को राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस और सेना के साथ भिड़ गए थे।
देश के सबसे खराब आर्थिक संकट पर हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात देशव्यापी सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा कर दी है। श्रीलंकाई सरकार की सूचना के मुताबिक, राजपक्षे ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और आपूर्ति और आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए आपातकाल की घोषणा की गई है। गौरतलब है कि, गुरुवार को राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस और सेना के साथ भिड़ गए थे। पुलिस ने 53 लोगों को गिरफ्तार किया और कोलंबो और उसके आसपास शुक्रवार को कर्फ्यू लगा दिया।
Sri Lanka President Gotabaya Rajapaksa issues a Gazette Extraordinary declaring a public Emergency in Sri Lanka with effect from April 1, 2022: Sri Lanka's DailyMirror
— ANI (@ANI) April 1, 2022
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बता दें कि, ईंधन और अन्य सामानों सहित आवश्यक वस्तुओं की कमी को लेकर लोगों ने यह विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने गुरुवार को राष्ट्रपति आवास के पास भीड़ को रोकन के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस और सेना के वाहनों को आग लगा दी। एक अधिकारी के मुताबिक, झड़पों में कम से कम दो दर्जन पुलिस कर्मी घायल हो गए है। पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगे ने चेतावनी दी कि इस तरह के विरोध से आर्थिक संभावनाओं को नुकसान होगा।रणतुंगे ने कहा कि, श्रीलंका जिस मुख्य मुद्दे का सामना कर रहा है, वह विदेशी मुद्रा की कमी है और इस प्रकृति के विरोध से पर्यटन को नुकसान होगा और इसके आर्थिक परिणाम होंगे।
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