श्रीलंका में 21 दिन बाद फिर खुले स्कूल, ईंधन की कमी के चलते करना पड़ा था बंद

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राष्ट्रीय परिवहन आयोग के महानिदेशक नीलान मिरांडा ने कहा कि प्राप्त ईंधन की मात्रा के अनुसार छात्रों के लिए बसें सेवा में लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं। सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (सीपीसी) ने सोमवार को ऐलान किया कि 25 जुलाई को पूरे देश में 7,000 टन ईंधन वितरित किया जाएगा।

कोलंबो। संकट प्रभावित श्रीलंका में ईंधन की कमी के कारण गत चार जुलाई से बंद देशभर के स्कूल सोमवार को फिर से खुले। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार देश में सभी सरकारी और सरकार से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल फिर से खुल गए हैं। न्यूजफर्स्ट लंका ने ‘लंका निजी बस स्वमी संघ’ के हवाले से बताया कि पूरे द्वीप में ईंधन की कमी के बावजूद सोमवार को स्कूली बच्चों के लिए पर्याप्त संख्या में बसें सेवा में लगाई गईं। लंका निजी बस स्वामी संघ के अध्यक्ष जेमुनु विजेरत्ने ने कहा कि पिछले दो दिनों में कई जगहों से ईंधन प्राप्त हुआ है।

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राष्ट्रीय परिवहन आयोग के महानिदेशक नीलान मिरांडा ने कहा कि प्राप्त ईंधन की मात्रा के अनुसार छात्रों के लिए बसें सेवा में लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं। ऑल सीलोन स्कूल चाइल्ड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मालश्री सिल्वा के अनुसार, श्रीलंका ट्रांसपोर्ट बोर्ड (एसएलटीबी) डिपो के माध्यम से पर्याप्त ईंधन प्राप्त होने के कारण स्कूली छात्रों के परिवहन के लिए अधिक वैन लगाई गई हैं। सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (सीपीसी) ने सोमवार को ऐलान किया कि 25 जुलाई को पूरे देश में 7,000 टन ईंधन वितरित किया जाएगा। 2.2 करोड़ लोगों का देश श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिससे लाखों लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजें खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब अमेरिकी डॉलर है।

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