उपसहारा अफ्रीका चरमपंथ का ‘नया केंद्र’: संयुक्त राष्ट्र

Saharan Africa
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

यूएनडीपी की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि बेहतर आजीविका के लिए चरमपंथी समूहों में भर्ती होने वालों की संख्या में उन लोगों की अभिप्रेरणा के सापेक्ष 92 फीसदी की वृद्धि हुई है जिनका साक्षात्कार वर्ष 2017 में जारी रिपोर्ट के लिए लिया गया था।

हिंसक इस्लामिक आतंकवाद का नया वैश्विक केंद्र उपसहारा अफ्रीका है जहां लोग धार्मिक कारणों से कम और आर्थिक कारणों से अधिक प्रभावित होकर इसमें बढ़चढ़कर शामिल हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी की एक नयी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यूएनडीपी की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि बेहतर आजीविका के लिए चरमपंथी समूहों में भर्ती होने वालों की संख्या में उन लोगों की अभिप्रेरणा के सापेक्ष 92 फीसदी की वृद्धि हुई है जिनका साक्षात्कार वर्ष 2017 में जारी रिपोर्ट के लिए लिया गया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से अफ्रीकी लोगों का जीवन कोविड-19 महामारी, अधिक महंगाई और जुलवायु परिवर्तन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक वजहों के कारण चरमपंथी समूहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में 57 फीसदी कमी आई है। रिपोर्ट के लिए आठ अफ्रीकी देशों बुर्किना फासो, कैमरून, चाड, माली, नाइजर, नाइजीरिया, सोमालिया और सूडान में लगभग 2,200 लोगों का साक्षात्कार लिया गया। इसमें कहा गया है कि साक्षात्कार देने वाले 1,000 से अधिक लोग हिंसक चरमपंथी समूहों के पूर्व सदस्य (स्वैच्छिक और जबरन भर्ती किए गए) हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 के बाद से पूरे अफ्रीका में कम से कम 4,155 हमले दर्ज किए गए और इन हमलों में 18,417 लोगों की मौत हुई, जबकि सोमालिया में सबसे अधिक मौतें दर्ज की गईं। यूएनडीपी के प्रशासक अचिम स्टेनर ने रिपोर्ट के जारी होने से पहले एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘उपसहारा अफ्रीका हिंसक चरमपंथ का नया वैश्विक केंद्र बन गया है जहां वर्ष 2021 में वैश्विक आतंकवाद से होने वाली 48 फीसदी मौतें हुईं। रिपोर्ट में कहा गया कि चरमपंथी समूहों में शामिल होने वालों में से लगभग 71 प्रतिशत राज्य सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के हनन जैसे कि परिवार के सदस्यों की हत्या या गिरफ्तारी आदि से प्रभावित थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़