भारत से टीके आने से गरीब देशों के लिए इनकी आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा: ब्रिटेन

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ब्रिटेन के टीका मंत्री ने शुक्रवार को उन दावों को खारिज कर दिया कि उनके देश को भारत से जो कोविड-19 के टीके मिल रहे हैं, वे गरीब देशों के लिए थे। मंत्री नाधिम ज़हावी ने एक साक्षात्कार में इस बात की पुष्टि की कि ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित टीके की खेप ब्रिटेन भेज रहा है।

लंदन। ब्रिटेन के टीका मंत्री ने शुक्रवार को उन दावों को खारिज कर दिया कि उनके देश को भारत से जो कोविड-19 के टीके मिल रहे हैं, वे गरीब देशों के लिए थे। टीका मंत्री नाधिम ज़हावी ने एक साक्षात्कार में इस बात की पुष्टि की कि ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित टीके की खेप ब्रिटेन भेज रहा है। ‘मेडिसिन्स सान्स फ्रंटियर्स’ जैसे गैर सरकारी संगठनों ने इस बात की चिंता जताई थी कि सीरम इंस्टीट्यूट से आने वाली बड़ी खेप से विकासशील देशों के लिए आपूर्ति कम हो जाएगी।ज़हावी ने इस बात से इनकार किया है।

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उन्होंने कहा,‘‘ हमने निश्चिय ही एस्ट्राजेनेका और सीरम से यह आश्वासन मांगा था कि हमारी खेप से दुनिया में कम आय और मध्यम आय वाले देशों के लिए उनकी प्रतिबद्धता पर असर नहीं पड़ेगा।’’ मंत्री ने कहा,‘‘ वे करीब 30 करोड़ खुराकें कम और मध्यम आय वाले देशों को मुहैया करा रहे हैं। आपने देखा कि टीके की खुराकें पिछले महीने घाना के अकरा पहुंची और इस सप्ताह फिलिपीन्स...आइवरी कोस्ट भी पहुंचीं, और आप देंखेंगे कि इससे कहीं अधिक मात्रा बाहर जाने वाली है।’’ ब्रिटेन में दो करोड़10 लाख लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है, जो देश की कुल आबादी का 30 प्रतिशत है। यहां जुलाई के अंत तक सभी बुजुर्गों को टीका लगाने का लक्ष्य है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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