Benefits of Lajward Stone: लाजवर्त रत्न धारण करने से दूर होते हैं शनि के अशुभ प्रभाव, जानिए फायदे

Benefits of Lajward Stone
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लाजवर्त रत्न राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने में कारगर माना जाता है। इस रत्न का निर्माण सल्फर युक्त सोडियम और अल्युमिनियम सिलिकेट से हुआ है। हम आपको लाजवर्त रत्न धारण करने की विधि और इसके लाभ के बारे में बताने जा रहे है।

लाजवर्त एक ऐसा चमत्कारी रत्न होता है, जिसका संबंध शनि से माना गया है। यह चमत्कारी रत्न बवासीर और पथरी रोग को दूर करने में सहायक माना जाता है। बता दें कि प्राचीन काल में वेदों और पुराणों में जिस नीलम रत्न का जिक्र मिला है, वह लाजवर्त रत्न ही है। इसको बेहद चमत्कारी और लाभकारी रत्न माना गया है। इस रत्न का संबंध शनि के अलावा राहु और केतु से भी होता है। लाजवर्त रत्न राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने में कारगर माना जाता है। इस रत्न का निर्माण सल्फर युक्त सोडियम और अल्युमिनियम सिलिकेट से हुआ है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको लाजवर्त रत्न धारण करने की विधि और इसके लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।

लाजवर्त को धारण करने की विधि

आपको बता दें कि लाजवर्त रत्न मार्केट में उचित दाम पर मिल जाता है। इस नीले रंग के रत्न के ऊपर काले-काले धब्बे और गोल्डन धारियां होती हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि उच्च के होते हैं, तो वह जातक इस रत्न को धारण कर सकते हैं। मकर और कुंभ राशि के जातक इस रत्न को धारण कर सकते हैं। जो व्यक्ति महंगा नीलम नहीं पहन सकते हैं, उनको लाजवर्त रत्न धारण करना चाहिए। इससे वह समान रूप से लाभ पा सकते हैं। शनिवार के दिन इस रत्न को धारण करना चाहिए।

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आप चांदी में इस रत्न को मढ़वाकर अंगूठी, लॉकेट या ब्रेसलेट में धारण कर सकते हैं। आप यदि इसको अंगूठी के रूप में पहनते हैं, तो शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में पहनें। शनिवार के दिन इस अंगूठी को धारण करने से पहले 4-5 घंटे पहले सरसों या फिर तिल के तेल में डुबोकर रखें। इसके बाद शाम के समय इसको गंगाजल से धोकर धारण कर लें। इसको पहनते समय 108 बार शनि के बीज मंत्र का 108 बार जप करें।

रत्न धारण करने के लाभ

बता दें कि लाजवर्त में अनेक ज्‍योतिषीय गुण पाए जाते हैं और यह रत्न शनि के अशुभ फलों को दूर करता है।

यदि आपका बच्चा अचानक से डर जाता है या नींद से जाग जाता है, तो आप उनको यह रत्न गले में पहना सकते हैं।

जो जातक फोड़े फुंसी या फिर त्‍वचा संबंधी रोग से परेशान रहते हैं, वह इस रत्न को धारण कर सकते हैं। 

वहीं जिन जातकों की शादी में बाधा आ रही है, तो वह भी लाजवर्त रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। 

अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है, तो लाजवर्त रत्न धारण करना चाहिए।

लाजवर्त रत्न धारण करने से सूर्य और मंगल के शुभत्व में वृद्धि होती है।

इस रत्न को धारण करने से दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है, साथ ही नकारात्मकता भी दूर होती है।

लाजवर्त रत्न धारण करने से भाग्य का साथ मिलता है और यह रत्न धन के आगमन का मार्ग खोलता है।

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