अमेरिकी हथियार, यूक्रेन से सबक, चीन पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा ताइवान?

Taiwan
ChatGPT
अभिनय आकाश । Jul 11 2025 2:36PM

ताइवान ने 9 जुलाई से अपना आज तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया। इस एक्सरसाइज को हान क्यान नाम दिया गया है। ये युद्धाभ्यास दस दिनों तक चलेगी। इसमें ताइवान अपने ही सेना के कमांड और कंट्रोल सेंटर पर सिमुलेटेड अटैक करेगा। यानी ताइवान की सेना खुद को उस स्थिति में रखेगी जैसे चीन ने उस पर हमला कर दिया है।

दुनिया ने हाल के दिनों में चार बड़े युद्धों को देखा है। दुनिया पिछले कई सालों से रूस और यूक्रेन के बीच के युद्ध को देख रही है। अभी हाल ही में पाकिस्तान और भारत के बीच एक छोटे से युद्ध को देखा। वहीं ईरान और इजरायल के बीच भी युद्ध हुआ। ये सारे युद्ध दुनिया में हो रहे हैं तो इससे बाकी दुनिया के देश डर भी गए हैं और सावधान भी हो गए हैं। जिन देशों के पारंपरिक दुश्मन पहले से रहे हैं, वो देश पहले से कहीं ज्यादा बेहतर तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि कभी ऐसा दिन उन्हें भी देखने को मिल सकता है। ऐसा ही फ्लैशप्वाइंट ताइवान है, जो ये जानता है कि आज नहीं तो कल चीन उस पर हमला करेगा। उस पर कब्जा करने की कोशिश करेगा और ताइवान अभी से अपने आप को उस स्थिति के लिए तैयार कर रहा है। ताइवान ने 9 जुलाई से अपना आज तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया। इस एक्सरसाइज को हान क्यान नाम दिया गया है। ये युद्धाभ्यास दस दिनों तक चलेगी। इसमें ताइवान अपने ही सेना के कमांड और कंट्रोल सेंटर पर सिमुलेटेड अटैक करेगा। यानी ताइवान की सेना खुद को उस स्थिति में रखेगी जैसे चीन ने उस पर हमला कर दिया है। अगर चीन हमला करता है तो ताइवान की सेना क्या करेगी, कैसे युद्ध लड़ेगी उसी को लेकर ताइवान की तरफ से युद्धाभ्यास हो रहा है। किसी भी तरह के हमले का मुकाबला करने के लिए लिए लड़ाकू हेलीकॉप्टर उतारे गए, सैनिकों की तैनाती हुई और हर तरह प्रकार का अभ्यास इस एक्सरसाइज में किया गया। 

इसे भी पढ़ें: Israel के LORA से पाकिस्तान के साथ क्या गजब खेल करने वाला है भारत, सुखोई में ब्रह्मोस के साथ तैनाती

घातक हथियारों से ताइवान की ड्रिल 

गोले दागते घातक टैंक और आगे बढ़ता टैंकों का एक पूरा समूह जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि मानो किसी बड़े हमले की तैयारी हो रही हो। ताइवान के ताइपे में अपनी तीनों सेनाओं के साथ एक ड्रिल कर रहा है। इसका उद्देश्य संभावित आक्रमण के खिलाफ खुद का बचाव करना है। जमीन से लेकर आसमान तक और समुद्र की लहरों के बीच दुश्मन के आक्रमण से बचने और दुश्मन को अपनी सैन्य शक्ति दिखाने के लिए ड्रिल कर रहा है। ताइवान ने ये ड्रिल चीन के युद्धभ्यास के बाद किया। करीब 10 दिन पहले चीन ने ताइवान की सीमा के पास युद्धभ्यास किया था। चीन ने ताइवान की खाड़ी में अपनी खास फौज उतारी थी। जिसके बाद ताइवान ने ये ड्रिल शुरू किया। अमेरिका से मिले इब्राहिम टैंक्स के जरिए ताइवान ने साफ कर दिया कि वो किसी से डरने वाला नहीं है और वो हर स्थिति का डट कर मुकाबला करेगा।

यूक्रेन से सबक

ताइपे की तरफ से अब तक का सबसे लंबा युद्धभ्यास चल रहा है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि ताइपे का ये कदम यूक्रेन के फाइटिंग स्परिट से इंस्पायर प्रतीत होता है। बीते तीन साल से भी ज्यादा वक्त से यूक्रेन रूस के साथ युद्ध लड़ रहा है। जब रूस ने यूक्रेन पर अटैक किया था तो सभी को लगा था कि ये तो कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगा। लेकिन एक छोटे से देश यूक्रेन ने अमेरिकी सैन्य मदद के साथ रूस जैसे शक्तिशाली देश को 3 साल से भी ज्यादा वक्त से युद्ध में उलझाए रखा है। यूक्रेन के डिफेंसिव मोड से सबक लेते हुए हाइब्रिड वॉरफेयर को ध्यान में रखते हुए अपने अब तक के सबसे बड़े सैन्य अभ्यासों कर रहा है। देश का सैन्य नेतृत्व खुले तौर पर स्वीकार करता है कि हान कुआंग अभ्यास यूक्रेन के रूस के प्रति प्रतिरोध से सीख लेकर किया गया है, तथा इसमें यथार्थवादी युद्ध परिदृश्यों और उस संघर्ष में उजागर हुई कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। 

इसे भी पढ़ें: Rafale की जासूसी करते पकड़े गए 4 चीनी नागरिक, भारत के इस दोस्त देश में बड़ी साजिश का खुलासा

ये अभ्यास यूक्रेन से किस प्रकार प्रेरित हैं?

ये अभ्यास कमान संरचनाओं के विकेंद्रीकरण और संचार अवसंरचना की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं, जो दर्शाता है कि यूक्रेन ने साइबर हमलों और मिसाइल हमलों के दौरान परिचालन प्रभावशीलता कैसे बनाए रखी। ताइवान हवाई हमले के ठिकानों को मजबूत कर रहा है, नए नागरिक सुरक्षा दिशानिर्देश जारी कर रहा है, और सार्वजनिक हवाई रक्षा अभ्यास कर रहा है, ये कदम बड़े पैमाने पर हमलों के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए यूक्रेन के दृष्टिकोण पर आधारित हैं। ग्रे ज़ोन रणनीति का मुकाबला आधुनिक युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। ताइवान के अभ्यास चीनी तटरक्षक बल और समुद्री मिलिशिया उत्पीड़न के खिलाफ जवाबी उपायों के साथ शुरू हुए हैं, जो यूक्रेन में देखे गए हाइब्रिड युद्ध और अस्पष्ट आक्रामकता को दर्शाते हैं। ताइवान ने अमेरिका द्वारा आपूर्ति किये गये अब्राम्स टैंक और HIMARS रॉकेट सिस्टम तैनात किये हैं, जिनका उपयोग यूक्रेन द्वारा किया जाता है। 

रणनीतिक संकेत देना मकसद

अभ्यास के दौरान, ताइवान लाइव सिमुलेशन के माध्यम से आक्रमण परिदृश्यों का पुनरावलोकन करेगा। इसमें चौबीसों घंटे, लाइव-फायर ऑपरेशन, एंटी-लैंडिंग अभ्यास और 22,000 रिज़र्व सैनिकों की तैनाती शामिल है, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है, ताकि पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की तैयारी का परीक्षण किया जा सके। देश अपने नागरिकों को संभावित युद्ध परिदृश्य के लिए भी तैयार कर रहा है। यह सार्वजनिक संदेश प्रणाली तैयार कर रहा है और गलत सूचनाओं से लड़ रहा है। अधिकारी नागरिकों को संभावित व्यवधानों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं और गलत सूचनाओं के प्रति सतर्क रहने का आग्रह कर रहे हैं, एक ऐसी चुनौती जिसका यूक्रेन को पूरे संघर्ष के दौरान सामना करना पड़ा है। ताइवान में चल रहे इस अभ्यास के पीछे और भी कुछ हो सकता है। इसका उद्देश्य रणनीतिक संकेत देना भी हो सकता है। अभ्यासों को और अधिक कठोर और सार्वजनिक बनाकर, ताइवान चीन को यह दिखाकर रोकना चाहता है कि वह एक अप्रत्याशित प्रतिद्वंद्वी है, ठीक वैसे ही जैसे यूक्रेन रूस के लिए साबित हुआ है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़