शराब, बवाल, CBI और U-टर्न, 400 से अधिक प्राइवेट दुकानों का क्या होगा? जानें दिल्ली सरकार की नई-पुरानी Liquor Policy का पूरा कॉकटेल

Liquor Policy
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jul 30 2022 5:01PM

दिल्ली के नए एलजी ने नई आबकारी नीति पर सीबीआई जांच की सिफारिश क्या कि दिल्ली सरकार बैकफुट पर आती नजर आई। अब चर्चा ये है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में फिर से पुरानी पॉलिसी लागू करने जा रही है। जिसके बाद लग रहा है कि दिल्ली में दारु के ठेकों को लेकर मचा विवाद थम जाएगा या फिर इससे कई नए विवाद खड़े हो जाएंगे।

एक मशहूर गाना आपने भी जरूर सुना होगा- एक अकेला इस शहर में, रात में और दोपहर में, आब-ओ-दाना ढूँढता है। आज आब यानी शराब में दाना यानी पैसे और रिश्वत ढूंढने का विश्लेषण करेंगे। आरोप लगा कि दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति में शराब और करप्शन का कॉकटेल बना दिया। आरोप ये है कि शराब माफियाओं को 140 करोड़ की फीस माफ कर दी गई। दिल्ली के नए एलजी ने नई आबकारी नीति पर सीबीआई जांच की सिफारिश क्या कि दिल्ली सरकार बैकफुट पर आती नजर आई। अब चर्चा ये है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में फिर से पुरानी पॉलिसी लागू करने जा रही है। जिसके बाद लग रहा है कि दिल्ली में दारु के ठेकों को लेकर मचा विवाद थम जाएगा या फिर इससे कई नए विवाद खड़े हो जाएंगे। 

नई आबकारी नीति में क्या है?

दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति का ऐलान किया था जिसके तहत अब नए शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली में शराब पीने की उम्र भी घटा दी गई। बता दें कि दिल्ली में शराब की 850 दुकानें हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट हैं। दिल्ली में शराब पीने की उम्र घटाकर 25 से 21 की गई। दिल्ली में अब सरकार शराब की दुकानें नहीं चलाएगी। शराब की नई दुकानें भी नहीं खुलेगी। सरकारी दुकानों की बीडिंग करवाई जाएगी। सरकारी दुकानों को प्राइवेट किया जाएगा। शराब की दुकानों को अपना एरिया बढ़ाकर 500 स्कवायर फीट करना होगा। कोई दुकान अगर 200 स्कवायर फीट पर होगी तो इसका एरिया भी बढ़ाना होगा शराब की दुकान की खिड़की या काउंटर सड़क की ओर नहीं होना चाहिए। वहीं उपमुख्यमंत्री ने नई अबकारी नीति लाने के पीछे मुख्यत: दो वजह बताईं थी। पहली शराब माफियाओं पर नियंत्रण पाना और दूसरा सरकार का राजस्व बढ़ाना। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शराब की दुकानों का इलाक़े के अनुसार समान वितरण होना चाहिए और ग्राहकों के लिए शराब खरीदना सुविधाजनक होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि आबकारी नीति में बदलाव करके उन सारे फैक्टर्स को हटाया जा रहा है जिनकी वजह से शराब माफिया अपना अवैध कारोबार चलाने में कामयाब होता है। 

दिल्ली में एक साल में अमूमन कितनी शराब बिक जाती 

 2018-19   2019-20   2022 (फरवरी)
 136 लाख लीटर 132 लाख लीटर 245 लाख लीटर
 LG को किस बात पर आपत्ति

शराब की बिक्री में बंपर बढ़ोतरी की वजह थी 25 फीसदी का बंपर डिस्काउंट। शराब दुकानों पर जमकर भीड़ उमड़ी। शराब को लेकर केजरीवाल सरकार की नीतियों पर सवाल भी खड़े हुए। नवंबर 2021 में दिल्ली में जब नई आबकारी नीति लागू हुई तो जमकर विरोध हुआ। धड़ाधड़ खोली जा रही नई-नई दुकानों को लेकर लोगों ने खूब प्रदर्शन किया। लेकिन नई नीति को लेकर दिल्ली सरकार टस से मस नहीं हुई। देखते ही देखते उसी आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार सवालों के घेरे में आ गई। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। एलजी ने नई एक्साइज पॉलिसी पर दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के बाद ये एक्शन लिया है। इस रिपोर्ट में सीधे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम लिया गया है। कहा गया कि इस नई शराब नीति के जरिये नए लाइसेंस धारियों को फायदा पहुंचाया गया। इस एक्शन के बाद बीजेपी और आप के बीच घमासान मच गया। केजरीवाल ने भगत सिंह और सावरकर के नाम का हथियार उठा लिया।

 केजरीवाल सरकार बैकफुट पर 

एक्साइज पॉलिसी को लेकर अब केजरीवाल सरकार बैकफुट पर आती नजर आ रही है। नई एक्साइज पॉलिसी 2022-23 को वापस लिए जाने की तैयारी चल रही है। 1 अगस्त से अगले 6 महीने तक आबकारी नीति की पुरानी व्यवस्था को ही लागू रखा जाएगा। दिल्ली सरकार अपनी नई एक्साइज पॉलिसी 2022-23 वापस लेगी, जिसे लागू करने का ऐलान किया गया था। अब पुरानी 2021-22 की ही पॉलिसी को लागू रहने दिया जाएगा। जिसे मार्च में एक्सटेंशन देकर अगले 2-2 महीने बढ़ाया गया। 25 फीसदी डिस्काउंट मिलने के बाद फरवरी में शराब की बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 

फिर से खुलेंगी शराब की सरकारी दुकानें

दिल्ली में एक बार फिर से शराब की सरकारी दुकानें खुल सकती हैं। नई पॉलिसी के सीबीआई जांच के दायरे में आ जाने के बाद दिल्ली सरकार कुछ समय के लिए फिर से पुरानी पॉलिसी को ही लागू करने पर विचार कर रही है। इस संबंध में तमाम विभागों से जानकारी मांगी गई है कि पहले किस जगह शराब की दुकानें थीं, उन्हें कौन चला रहा था, वहां कितने लोग तैनात थे, परिसर किराए पर था या किसी कंपनी का था और अभी वह जगह खाली है या वहां कोई और शॉप खुल गई है। सरकार को अगले दो दिन में इस पर फैसला करना है, क्योंकि पिछली पॉलिसी की विस्तारित समय सीमा रविवार को खत्म हो रही है। सूत्रों का कहना है कि अभी 6 महीने के लिए पुरानी पॉलिसी को लागू करने पर विचार चल रहा है। 

नई नीति के तहत खोली गई 400 से अधिक प्राइवेट दुकानों का क्या?

दिल्ली सरकार उन चारों कॉरपोरेशंस से बात करके इसे अमलीजामा पहनाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यही है कि किस आबकारी नीति के तहत डीएसआईआईडीसी, डीटीटीडीसी, डीसीसीडब्ल्यूएस औऱ डीएससीएससी को फिर से शराब की दुकान खोलने की अनुति किस नियम के तहत दी जाएगी और अगर सरकारी दुकानें फिर से खुल जाती हैं तो नई नीति के तहत खोली गई 400 से अधिक प्राइवेट दुकानों का क्या होगा, क्योंकि इनका मौजूदा लाइसेंस 31 जुलाई को खत्म हो जाएगा। ऐसे में अगर इनके लाइसेंस की समयसीमा नहीं बढ़ी तो दिल्ली में 1 अगस्त से शराब की ये दुकानें बंद हो जाएंगी और दिल्लीवालों को किसी भी तरह की शराब और बियर खरीदने को नहीं मिलेगी। हालांकि, इसे लेकर अभी फिलहाल स्थिति साफ नहीं है। -अभिनय आकाश

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