फतह-गजनवी पर इतराने वाले पाक का इतने में ये हाल है, भारत ने तो अभी इन ब्रह्मास्त्रों का इस्तेमाल भी नहीं किया, पूरा मुल्क दूसरे गोले पर पहुंच जाएगा

पाकिस्तान की इस हरकत ने पड़ोसी देश के मिसाइल शस्त्रागार और भारत के साथ उसकी तुलना पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि दोनों के पास एक-दूसरे को जवाब देने के लिए अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम हैं।
दोनों तरफ तनाव बराबर बना हुआ है। मगर फिलहाल ऐसा भी नहीं है कि दोनों देश खुद को जंग में झोंक दें। पर अगर मान लें कि दोनों देश जंग में कूद पड़ते हैं और फिर कहीं भारत पाकिस्तान के बीच परमाणु जंग शुरु हो गई तो क्या होगा? तस्वीर भयानक होगी। एक हफ्ते में ही 2 करोड़ दस लाख लोग मारे जाएंगे। इनमें से 50 लाख लोग बम की तपिश में झुलस जाएंगे। जो बचेंगे उन्हें रेडिएशन मार देगा। दुनिया से सर्दी-गर्मी का मौसम ही खत्म हो जाएगा। आधी ओजोन परत बर्बाद हो जाएगी। वनस्पतियों और पेड़-पौधों का निशान मिट जाएगा। आधी दुनिया भूख से मर जाएगी। इस वक्त पाकिस्तान अपनी औकात से बढ़कर काम करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के सामने पाकिस्तान की मिसाइलें धूल चाटती नजर आ रही हैं। वो मिसाइलें अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो कौड़ी की रह जाएंगी। क्योंकि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम ऐसा खतरनाक है कि इन सारे हथियारों को हवा में ह ढेर कर दे रहा है। पाकिस्तान का जेट, मिसाइल, ड्रोन सब के सब खत्म हो रहा है। 10 मई की तड़के इस्लामाबाद ने फतह-II मिसाइल लॉन्च की, जिसे भारत ने हरियाणा के सिरसा में रोक दिया। शुक्रवार-शनिवार की रात को कई भारतीय शहरों पर बिना उकसावे के हमले जारी रखने के दौरान पाकिस्तान द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई। सूत्रों का कहना है कि मिसाइल का लक्ष्य दिल्ली था। पाकिस्तान की इस हरकत ने पड़ोसी देश के मिसाइल शस्त्रागार और भारत के साथ उसकी तुलना पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि दोनों के पास एक-दूसरे को जवाब देने के लिए अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम हैं।
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विश्व की बड़ी मिसाइल शक्ति भारत
भारत में मिसाइल तकनीक का समृद्ध इतिहास है। स्वतंत्रता से पहले, भारत के कई राज्य अपने युद्ध के हिस्से के रूप में रॉकेट का इस्तेमाल कर रहे थे। मैसूर के शासक हैदर अली ने 18वीं शताब्दी के मध्य में अपनी सेना में लोहे के आवरण वाले रॉकेट शामिल करना शुरू किया। जब हैदर के बेटे टीपू सुल्तान की मृत्यु हुई, तब तक उनकी सेना की प्रत्येक ब्रिगेड में रॉकेटियर की एक कंपनी शामिल हो गई थी, जिसमें लगभग 5,000 रॉकेट ले जाने वाले सैनिक थे। स्वतंत्रता के बाद, भारत ने मिसाइलों की खोज शुरू की और वर्षों में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) सहित मिसाइल प्रौद्योगिकी का एक व्यापक विकास किया, जिससे वह इस तकनीक के साथ पृथ्वी पर केवल सात देशों में से एक बन गया।
भारत ने इनका इस्तेमाल तो अभी किया भी नहीं
पाकिस्तान के पास पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के मिसाइलों का एक विविध शस्त्रागार है। हालाँकि, इसकी कई मिसाइलें उसके मित्र और पड़ोसी चीन द्वारा प्रदान की गई हैं। पाकिस्तान की तरफ से अपने शस्त्रागार से फतह मिसाइल 2 को दिल्ली पर टारगेट करने की कोशिश की लेकिन भारत ने उसका घमंड चकनाचूर करते हुए उसे हवा में ही ढेर कर दिया। पाकिस्तान अक्सर आक्रांताओं के नाम पर रखे गजनवी, बाबर, गौड़ी का जिक्र कर इतराता रहता है। लेकिन भारत ने इस बार अपने एस 400, आकाश, SPYDER के जरिए उसे धूल चलाई है। जिसके वार से पाकिस्तान त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहा है। ये आलम तब है जब आर्मी के पास अभी ऐसे हथियार मौजूद हैं, जो पलक झपकते पाकिस्तान का जर्रा-जरी धरों सकते हैं, अभी इनका इस्तेमाल तो हुआ ही नहीं है।
ब्रह्मोस: सर्जिकल स्ट्राइक के लिए अचूक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल। दो वैरिएंट हैं। 450 से 800 किमी तक रेंजा जमीन, समुद्र व हवा से दाग सकते हैं। कीमत 15 से 30 करोड़ रुपए।
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पृथ्वीः दुश्मन हटे तो भी टारगेट हिट न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइल है। तीन वैरिएंट हैं। 2000 किमी तक रेंज। इतनी सटीक कि दुश्मन 10 मीटर भी इधर-उधर हो तो बच नहीं सकता। कीमत 3 करोड़ रुपए। एटमी हमले में सक्षम
शौर्य: हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है। परमाणु हमला भी कर सकती है। 700 से 800 किमी रेंज। कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपए।
प्रहारः दिशाएं अलग तो भी भेदती है बैलिस्टिक मिसाइल है। अलग-अलग दिशाओं में कई टारगेट भेद सकती है। 150 किमी रेंज। कीमत 4 से 5 करोड़ रुपए।
आकाशः हवा में उड़ा सकती है जेट एक यूनिट में 4 मिसाइलें होती हैं। 3 वैरिएंट हैं। फाइटर जेट को हवा में तबाह कर देती है। रेंज 80 किमी है। कीमत 2.5 करोड़ रुपए।
धनुषः जमीं से आसमां तक तबाही लाती है इस बैलिस्टिक मिसाइल को युद्धपोत से दाग सकते हैं। जमीन-जल पर हमले में सक्षम। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम। कीमत 14 करोड़ रु.।
निर्मय: दिशा बदल टारगेट कर सकती है क्रूज मिसाइल है। दुश्मन को चकमा देने में माहिर है। राडार की पकड़ में नहीं आती। 1500 किमी रेंज। कीमत 10 करोड़ रुपए।
सागरिकाः नेविगेशन सिस्टम से गाइड बैलिस्टिक मिसाइल है। रेंज 750 किमी। खुद को नेविगेशन सिस्टम से गाइड कर टारगेट लेती है।
अमोधः अंधेरे में भी टारगेट पहचान लेती है टैंक रोधी गाइडेड मिस्बइल है। रेंज 2500 मीटर। डुअल मोड इमेजिंग इंका-रेड सीकर लगा है। अंधेरे में भी टारगेट को पहचान कर उसे नष्ट कर देती है।
ड्रोन और लॉन्चर
पिनाका (रकिट लॉन्चर) स्वदेशी मल्टी बैरल रकिट लॉन्चर है। बड़े क्षेत्र को तबाह करने में सक्षम। दर्जनभर रकिट की खेप 90 किमी दूर मौजूद टारगेट कर सकता है। लॉन्चिंग के बाद तुरंत लोकेशन बदलता है। क्षमता 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागने में सक्षम डबल पॉड। हर पॉड में रॉकेट वैरिवंट तीन वेरिएंट हैं।
स्काईस्ट्राइकर (ड्रोन) दुश्मन के ठिकानों पर लंबे समय तक मंडराने व सटीक हमला करने की क्षमता। बंकरों, कमांड सेंटरों व अन्य टागेट्स को नष्ट करने में सक्षम। रेंज 20-100 किमी लाइटरिंग समय 2 घंटे तक वजनः 35 किलो वॉरहेड 5-10 किलो।
हाई एक्सप्लोसिव गाइडेंस सिस्टमः इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इन्फ्रारेड।
एक्सकैलिबर (शेल) अमेरिका में बना प्रेसिजन-गाइडेड आर्टिलरी शेल है। असाधारण सटीकता और लंबी रेंज। शहरी युव पहाड़ी क्षेत्रों में सटीक हमले करने में सक्षम। रेंज 40-57 किमी वजन 45 किलो
गाइडेंस सिस्टम: जीपीएस/आईएनएस सटीकता 2 मीटर से कम (सीईपी) वॉरहेड हाई-एक्सक्लोसिसव प्लेटफॉर्म एम777
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