हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़ ट्रंप कहीं न भेज दें घर, हमास के फेर में फंसी भारतीय छात्रा ने खुद को ही कर लिया सेल्फ डिपोर्ट

Indian student
@USBPChief/@Sec_Noem
अभिनय आकाश । Mar 18 2025 2:35PM

अमेरिका को पसंद नहीं आया कि रंजनी श्रीनिवासर हमास के समर्थन में नारेबाजी कर रही है। ऐसे में अमेरिका ने एक्शन लेते हुए पांच मार्च को रंजनी श्रीनिवासन का वीजा रद्द कर दिया। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने बताया कि कोलंबिया विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही रंजनी श्रिनिवासन ने सीबीपी होम एप का इस्तेमाल करते हुए खुद को सेल्फ डिपोर्ट कर लिया। यानी धक्के दिए जाने से पहले ही रंजनी श्रिनिवासन ने खुद ही अमेरिका छोड़ दिया।

हाथों में सूटकेट को घसीटते हुए एयरपोर्ट की तरफ तेज कदमों से जाती महिला नाम रंजनी श्रीनिवासन, आरोप हमास का समर्थन। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम रंजनी श्रिनिवासन का जिक्र क्यों कर रहे हैं। तो आपको बता दें कि  मॉर्डन लिबरल और फेनमिस्ट बनने के चक्कर में इसने हमास का समर्थन शुरू कर दिया। अमेरिकी यूनिवर्सिटी में हमास के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। लेकिन अब उसे अमेरिका छोड़कर उसे भागना पड़ा। अमेरिका को पसंद नहीं आया कि रंजनी श्रीनिवासर हमास के समर्थन में नारेबाजी कर रही है। ऐसे में अमेरिका ने एक्शन लेते हुए पांच मार्च को रंजनी श्रीनिवासन का वीजा रद्द कर दिया। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने बताया कि कोलंबिया विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही रंजनी श्रिनिवासन ने सीबीपी होम एप का इस्तेमाल करते हुए खुद को सेल्फ डिपोर्ट कर लिया। यानी धक्के दिए जाने से पहले ही रंजनी श्रिनिवासन ने खुद ही अमेरिका छोड़ दिया। 

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अमेरिका क्यों छोड़ना पड़ा

छात्रा रंजनी श्रीनिवासन को अमेरिका छोड़ना पड़ा, क्योंकि फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने से उनका वीजा 5 मार्च को रद्द कर दिया गया था। उन पर आरोप लगाया गया कि वे हिंसा और आतंकवाद का समर्थन कर रही थीं और हमास से जुड़ी गतिविधियों में शामिल थीं। सवाल है आखिर रंजनी श्रीनिवासन कौन हैं, और सेल्फ डिपोर्टेशन क्या है?  जिसमें अमेरिका से निकाले जाने के बजाय खुद ही देश को छोड़ना पड़ता है। अमेरिकी होमलैंड सिक्यॉरिटी डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया कि जिन लोगों को वीजा मिलता है, यह उनके लिए सम्मान की बात होनी चाहिए। पर इस तरह के वीजा वाले लो अगर हिंसा और आतंकवाद की तरफदारी करते हैं तो उनसे यह सम्मान वापस ले लिया जाना चाहिए। 

कौन है रंजनी श्रीनिवासन

रंजनी श्रीनिवासन भारत की नागरिक हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्वन प्लानिंग में डॉक्टरेट कर रही थीं। उन्होंने भारत की सीईपीटी यूनिवर्सिटी से डिजाइन में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से डिजाइन में मास्टर्स किया और फिर कोलंबंया यूनिवर्सिटी में अर्बन प्लानिंग में एमफिल करने के लिए एडमिशन लिया। छात्रा रंजनी श्रीनिवासन F-1 स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका गई थीं। 

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खुद से कोई कैसे कर सकता है सेल्फ डिपोर्ट

अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग डीएचएस ने हाल ही में एक नया मोवाइल ऐप, सीबीपी होम लॉन्च किया है, जिसमें अमेरिका में रहने वाले अन-डॉक्यूमेंटेड लोगों के लिए स्व-निर्वासन (सेल्फ डिपोर्ट) की व्यवस्था की गई है। यह ऐप प्रवासियों को अमेरिका छोड़ने की सूचना दर्ज करने की सुविधा देता है। जव वीजा रद्द हो गया तो 11 मार्च को रंजनी श्रीनिवासन ने सीबीपी होम ऐप का इस्तेमाल कर खुद को सेल्फ-डिपोर्ट कर लिया। 

क्या कोई भी कर सकता है सेल्फ डिपोर्ट?

सेल्फ डिपोर्ट' के मामले में एक इमिग्रेशन जज यह तय करता है कि कोई व्यक्त्ति अमेरिका में रह सकता है या नहीं। फ्लोरेंस इमिग्रेंट एंड रिफ्यूजी राइट्स प्रोजेक्ट के अनुसार, जज सेल्फ डिपोर्ट का आदेश दे सकता है। हालांकि, हर कोई सेल्फ डिपोर्ट का अनुरोध नहीं कर सकता। जैसे हत्या, रेप या सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे गंभीर अपराध किए है, वह सेल्फ डिपोर्ट का लाभनहीं उठा सकता। उसे निर्वासित किया जा सकता है। 

और किन छात्रों पर की गई है सख्त कार्रवाई? 

रंजनी के अलावा, अमेरिका में पढ़ रही फलस्तीनी छात्रा लिका कोर्डिया को भी गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उनका स्टूडेंट वीज्जा 2022 में ही खत्म हो चुका था। एक और फलस्तीनी छात्र महमूद खलील को भी गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फलस्तीन के समर्थन में हुए प्रदर्शनों के मुख्य आयोजकों में से एक थे।

क्या फिर से हो सकती है एंट्री

राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला। खैर, रंजनी के मामले में ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि उनका वीजा राष्ट्रीय सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए रद्द किया गया। अमेरिकी सरकार के मुताबिक, अगर कोई अपनी इच्छा से देश छोड़ता है तो भविष्य में कानूनी तौर पर उसे वापसी का मौका मिल सकता है, लेकिन अगर कोई नहीं जाता है, और उसे डिपोर्ट किया जाता है, तो फिर उसे कभी लौटने का मौका नहीं मिलेगा। साथ ही वीजा न होने की वजह से उसको अवैध तरीके से रहने पर अरेस्ट किया जा सकता है।

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