देश में कोविड-19 के 5200 मामले, लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर रही है सरकार

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शाम के आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमित मामलों की संख्या 4,789 तथा मृतकों की संख्या 124 है। आधिकारिक घोषणा के मुताबिक, अब तक 400 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं जबकि देश में अब तक एक लाख 10 हजार के करीब लोगों की जांच हुई है।

नयी दिल्ली। कुछ राज्यों द्वारा अपने यहां जांच की सुविधा बढ़ाने तथा केंद्र द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद भी जारी रखने के मुद्दे पर विचार के बीच देश में कोविड-19 के मरीजों का आंकड़ा मंगलवार को 5200 के पास पहुंच गया। इस बीमारी के प्रमुख केंद्र के तौर पर सामने आ रहे कुछ इलाकों में सख्त ‘क्लस्टर नियंत्रण’ योजना को भी लागू किया गया है। कुछ राज्यों में कुछ क्षेत्रों को पूर्ण बंदी से संभावित रियायत के संकेत भी मिले हैं जिनमें कृषि और असंगठित श्रम क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा कुछ स्थानों पर और कड़े क्षेत्र आधारित प्रतिबंधों को लेकर भी बात चल रही है। विभिन्न राज्यों से प्राप्त खबरों के आधार पर मंगलवार को पीटीआई-के तैयार आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5,192 लोग संक्रमित पाए गए हैं जबकि कम से कम 162 लोगों की मौत हो चुकी है। 

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शाम के आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमित मामलों की संख्या 4,789 तथा मृतकों की संख्या 124 है। आधिकारिक घोषणा के मुताबिक, अब तक 400 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं जबकि देश में अब तक एक लाख 10 हजार के करीब लोगों की जांच हुई है। अधिकारियों ने कहा कि लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के लिये उठाए गए कदमों के कारण भारत में इस महामारी के प्रसार को रोकने में बड़ी मदद मिली है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन के मुताबिक अगर लॉकडाउन या दूरी बरतने के नियमों का पालन नहीं हो तो कोरोना वायरस का एक मरीज 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोविड-19 पर केंद्र सरकार की तरफ से दैनिक ब्रीफिंग में बताया कि एहतियाती उपाए किए जाने पर संक्रमण की आशंका इसी अवधि में प्रति मरीज महज ढाई व्यक्ति रह जाएगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी कोविड-19 के प्रबंधन में “सामाजिक दवा” की तरह काम करती है। हालांकि वह यह बताने से बचते दिखे कि 14 अप्रैल के बाद बंद की अवधि बढ़ायी जाएगी या इसे हटाया जाएगा।

उन्होंने कहा, “जो भी फैसला लिया जाएगा, उसके बारे में जानकारी दी जाएगी। जब तक आधिकारिक तौर पर कोई संवाद न हो तब तक कयासबाजी से बचें।” सरकारी सूत्रों ने हालांकि कहा कि कई विशेषज्ञ और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार से 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। केंद्र सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है जो 25 मार्च से शुरू हुआ था। कोविड-19 के कारण 183 देशों में 75,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 13.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। कुछ राज्यों ने हालांकि संकेत दिया कि कुछ क्षेत्रों में बंद की शर्तों में राहत दी जा सकती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए काम के मोर्चे पर सीमित छूट दिए जाने के विकल्प पर विचार कर रही हैं क्योंकि वे बंद से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों में से हैं। 

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उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि अनुमति देंगे लेकिन सभी को सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में सात क्षेत्रों की पहचान की है जो कोरोना वायरस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो उनकी सरकार बंद को बढ़ाएगी, जबकि राजस्थान के उनके समकक्ष अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य बंद को तत्काल वापस नहीं ले सकता और इसे चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। कर्नाटक के एक मंत्री ने कहा कि बंद को हटाने पर अभी कोई फैसला करना जल्दबाजी होगा लेकिन उनका रुझान बंद को दो और हफ्तों के लिये बढ़ाने की तरफ दिखा। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंद को हटाए जाने के तौर-तरीकों पर चर्चा करते हुए स्पष्ट संकेत दिये थे कि एक बार में बंद को हटाए जाने की संभावना बेहद कम है।

एक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से यह भी पूछा था कि इन पाबंदियों को क्षेत्रवार या जिलावार कैसे हटाया जाना चाहिए। मोदी ने मंत्रियों से महामारी के आर्थिक प्रभाव को रोकने के लिये योजना तैयार करने को भी कहा। रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिये मंगलवार को जीडीपी के सिर्फ 2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया और कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 31 मार्च को खत्म हुई चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत की कमी आई है। उद्योग संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने एक सर्वे में कहा कि कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ से खुदरा व्यापारी 80,000 नौकरियां घटा सकते हैं। आरएआई ने कोरोना वायरस महामारी का व्यापारियों और कार्यबल पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन के लिये यह सर्वे किया। यह सर्वे 768 खुदरा कारोबारियों के बीच किया गया जिनमें 3,92,963 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। 

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अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने कहा कि कोविड-19 के कारण बंद और अन्य वजहों से भारत में असंगठित क्षेत्र के करीब 40 करोड़ कामगारों की गरीबी और बढ़ सकती है। शेयर बाजार में हालांकि मंगलवार को उछाल देखने को मिला और सेंसेक्स 2,476 अंक उछला। शेयर बाजार में तेजी के साथ निवेशकों की संपत्ति भी मंगलवार को 7,71,377 करोड़ रुपये बढ़ गयी। सबसे ज्यादा फायदा दवा कंपनियों के शेयरों में दिखा। इसकी एक वजह पैरासीटमोल और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाओं के निर्यात पर भारत द्वारा आंशिक प्रतिबंध हटाना भी रही। यह फैसला मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के करीब एक हफ्ते बाद आया। ट्रंप ने अपने यहां कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के इलाज के लिये भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति का अनुरोध किया था।

ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि भारत अगर उनके अनुरोध को नहीं मानता तो उन्हें हैरानी होती क्योंकि उसके अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते हैं। उन्होंने भारत के दवा का निर्यात नहीं करने पर उसे प्रतिरोधात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। भारतीय दवा कंपनियों का कहना है कि देश में इस मलेरिया रोधी दवा का पर्याप्त स्टॉक है और घरेलू कंपनियां मांग बढ़ने पर उसी अनुपात में उत्पादन बढ़ाने को तैयार हैं। अग्रवाल ने बताया कि महामारी को रोकने के लिए क्लस्टर नियंत्रण रणनीति से आगरा, गौतमबुद्धनगर (उप्र), पटनमथिट्टा (केरल), भीलवाड़ा (राजस्थान), पूर्वी दिल्ली और मुंबई जैसे कुछ इलाकों में नतीजे मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित अन्य जिलों में ये रणनीति अपनायी जा रही है। उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव आर के तिवारी ने कहा, “बंद के लिये अभी समय है और हम स्थिति की समीक्षा करेंगे, फिर इसे हटाने के बारे में फैसला लेंगे।” 

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उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों ने जांच की संख्या बढ़ाने की योजना की घोषणा की जबकि देश भर में कई नेताओं ने लोगों से बंद और सामाजिक दूरी के उपायों का सख्ती से पालन करने को कहा। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य एक हफ्ते के अंदर रैपिड जांच शुरू करेगा और उसने चीन से 10 लाख जांच किटों की आपूर्ति के लिए ऑर्डर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच बिंदुओं वाली कार्य योजनाशुरू की है। ‘‘इसमें पांच टी शामिल हैं। ये पांच टी टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार), टीम-वर्क (मिलकर काम करना) और ट्रैकिंग (नजर रखना) हैं।’’ पहले टी के तहत सरकार अति प्रभावित क्षेत्रों में एक लाख जांच कराएगी।

उन्होंने कहा कि 30 हजार तक मामलों से निपटने के लिये तैयारी कर ली गई है। गुजरात सरकार ने भी चार शहरों के 15 मुहल्लों में क्लस्टर नियंत्रण लागू करने का फैसला किया है, जिसमें इन इलाकों को पूरी तरह बंद किया जाएगा। गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में कम से कम 150 और लोग संक्रमित पाए गए हैं और इन्हें मिलाकर राज्य में कुल संक्रमित लोगों का आंकड़ा 1018 हो गया है। राज्य में अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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