दुनियाभर के बाघों में से 70 प्रतिशत भारत में: सरकार

सरकार ने आज बताया कि दुनिया भर में कुल बाघों में से 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैं और प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघों के संरक्षण और देखरेख के लिए 380 करोड़ रूपये खर्च किये गए।

सरकार ने आज बताया कि दुनिया भर में कुल बाघों में से 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैं और प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघों के संरक्षण और देखरेख के लिए 380 करोड़ रूपये खर्च किये गए। लोकसभा में रामदास सी ताडस के पूरक प्रश्न के उत्तर में वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने बताया कि प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 2016.17 में 380 करोड़ रूपये खर्च किये गए जिसमें 40 प्रतिशत राज्य सरकारों ने भी खर्च किया।

उन्होंने कहा कि हमने मानव-पशु संघर्ष तथा पशुओं के आपसी संघर्ष को कम करने की दिशा में प्रयास किया है। जंगल के जानवर जंगल में ही रहें, इस दिशा में हमने प्रयास किया है। दवे ने कहा कि दुनिया भर में कुल बाघों में से 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैं। अभी देश में 2200 बाघ हैं। इनका निरंतर ध्यान रखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनमें से 1600 से अधिक बाघों के फोटोग्राफ हमारे पास हैं और हम इनके बारे में यह पता लगा सकते हैं कि वे किस हालत में हैं।

सरकार ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु शुद्धिकरण यंत्र स्थापित करने के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। केंद्र की भी इस संबंध में चीन की तर्ज पर टॉवर लगाने की कोई योजना नहीं है। पर्यावरण और वन मंत्री अनिल माधव दवे ने लोकसभा में गणेश सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने सूचना दी है कि वायु शुद्धिकरण यंत्र स्थापित करने के संबंध में आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि आईआईटी बंबई और राष्ट्रीय पर्यावरण आभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) द्वारा विकसित पवन संवर्धन और वायु शुद्धिकरण यंत्र को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने सत्यपाल सिंह और आर वनरोजा के एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि प्रदूषित वायु को स्वच्छ वायु में बदलने के लिए चीन की तर्ज पर टॉवर बनाने का केंद्र सरकार का कोई विचार नहीं है।

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