Chandrayaan-3 की सफलता के बाद रोबो महिला 'व्योममित्र' को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में भारत, जानें इसके बारे में
जितेंद्र सिंह ने कहा कि महामारी के कारण गगनयान परियोजना में देरी हुई। अब हम अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में पहले परीक्षण मिशन की योजना बना रहे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उन्हें भेजना।
भारत के चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश गगनयान मिशन के तहत एक महिला रोबोट "व्योममित्र" को अंतरिक्ष में भेजेगा। सिंह ने कहा कि अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में अंतरिक्ष उड़ान का प्रायोगिक अभ्यास आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरुआती परीक्षणों के बाद ही महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। मंत्री ने आगे बताया कि महामारी के कारण परियोजना में देरी हुई।
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महामारी के कारण हुई देरी
जितेंद्र सिंह ने कहा कि महामारी के कारण गगनयान परियोजना में देरी हुई। अब हम अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में पहले परीक्षण मिशन की योजना बना रहे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उन्हें भेजना। सिंह ने पुष्टि की कि दूसरे मिशन में ही एक महिला रोबोट भेजी जाएगी और वह सभी मानवीय गतिविधियों की नकल करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि दूसरे मिशन में एक महिला रोबोट होगी और वह सभी मानवीय गतिविधियों की नकल करेगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो हम आगे बढ़ सकते हैं।
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जानें इसके बारे में
व्योममित्र रोबोट की मदद से इंसानों के जाने का रास्ता साफ होगा। 24 जनवरी 2020 को यह रोबोट पेश किया था। यह इसरो द्वारा निर्मित है। यह संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘व्योम’ और ‘मित्र’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ क्रमश: अंतरिक्ष एवं मित्र है। अर्द्ध-मानव का यह प्रोटोटाइप एक महिला रोबोट है। इसके जरिए अंतरिक्ष में इंसानों पर पड़ने वाले असर को समझने की कोशिश की जाएगी। इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट का खिताब भी मिल चुका है। यह भी अंतरिक्ष यात्रियों की तरह ही वहां काम करेगी। यह की चीजों को पढ़ेगी और जरूरी निर्देशों को समझेगी। उसे ग्राउंड स्टेशन में मौजूद वैज्ञानिकों और मिशन की टीम से सम्पर्क कर उन्हें बताएगी।
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