चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद जगदीप धनखड़ ने दिया बयान, पूर्व सरकारों को लेकर कह दी यह बात

Jagdeep Dhankar
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रितिका कमठान । Feb 10 2024 10:13AM

भारत का उपराष्ट्रपति और एक किसान का बेटा होने के दौरान जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो बिना समय बर्बाद किए मैंने राज्यसभा इसे सदस्यों के साथ साझा किया। सदन में सभी वर्गों द्वारा किए गए स्वागत से मैं अभिभूत हूं।

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पूर्व सरकारों को ऐसी महान हस्तियों को सम्मान न दिए जाने को लेकर अपना रोष भी व्यक्त किया। उन्होंने ऐसी महान हस्तियों को सम्मान न दिए जाने पर नाराज की जाहिर की है। वहीं वर्तमान की केंद्र सरकार द्वारा इस फैसले को लिए जाने के बाद उनकी सराहना भी की।

उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति पद पर रहते हुए जब मुझे पता चला कि भारत के पांच सपूतों को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार - भारत रत्न दिया जा रहा है, तो मैं नई ऊर्जा से भर गया। पूरा देश और दुनिया उन्हें बहुत अच्छे से जानती है। चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन गांवों और किसानों के लिए समर्पित था। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने सिद्धांतों से कभी नहीं डिगे। यकीन मानिए, आज देश के करोड़ों लोगों को चैन की नींद आएगी। वे सोच रहे थे कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, लेकिन आज जब उन्हें सम्मान दिया गया है तो दिल को तसल्ली होती है, मन पर प्रभाव पड़ता है और एक नया उत्साह मिलता है।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं हो सकती कि भारत का उपराष्ट्रपति और एक किसान का बेटा होने के दौरान जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो बिना समय बर्बाद किए मैंने राज्यसभा इसे सदस्यों के साथ साझा किया। सदन में सभी वर्गों द्वारा किए गए स्वागत से मैं अभिभूत हूं। 

किसानों को लेकर की बात

वे किसानों से कहा करते थे कि किसान अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ-साथ भारत की राजनीति की रीढ़ भी हैं। आज मुझे खुशी है कि किसानों के बच्चे रोजगार के मामले में बहुत आगे हैं, गांवों में कितना बदलाव आया है। एक तरह से चौधरी साहब के सपने आज साकार हो रहे हैं। इतने बड़े व्यक्तित्व के लिए इतना बड़ा सम्मान, वो भी ऐसे दौर में जब भारत अपने अमृत काल में है - ऐसे लोगों का सम्मान करना हम सभी के लिए प्रशंसा का विषय है।

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