मंत्री के मोबाइल 'गेम' वीडियो पर विवाद, मराठा कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर अजित पवार ने पार्टी युवा विंग प्रमुख को पद से हटाया

Ajit
ANI
अभिनय आकाश । Jul 21 2025 7:39PM

अजित पवार ने अपने करीबी सहयोगी चव्हाण से तुरंत अपने पद से इस्तीफा देने को कहा है, क्योंकि पाटिल की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ था। लातूर में हुई इस घटना ने महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की युवा शाखा के अध्यक्ष सूरज चव्हाण को पार्टी प्रमुख अजित पवार ने पद से हटा दिया है। सूरज और उनके साथियों द्वारा मराठा संगठन 'छवा' के नेता राजेंद्र पाटिल पर कथित तौर पर हमला करने के बाद, उन्हें पद से हटा दिया गया है। अजित पवार ने अपने करीबी सहयोगी चव्हाण से तुरंत अपने पद से इस्तीफा देने को कहा है, क्योंकि पाटिल की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ था। लातूर में हुई इस घटना ने महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। इसके बाद, मराठा संगठनों ने लातूर में बंद का आह्वान किया। धाराशिव दौरे पर आए राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे से भी छवा कार्यकर्ताओं ने मुलाकात की और सूरज चव्हाण के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। छावा ने एक बार फिर लातूर में बंद का आह्वान किया। छावा समर्थकों द्वारा धाराशिव, जालना, नांदेड़ और बीड में भी विरोध प्रदर्शन और सड़क जाम देखे गए।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

यह मामला तब शुरू हुआ जब एनसीपी नेता और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे विधानसभा सत्र के दौरान कथित तौर पर रमी खेलते हुए पकड़े गए। इसका एक वीडियो एनसीपी के शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार ने ट्वीट किया। इसके बाद कोकाटे के इस्तीफे की मांग तेज हो गई। अपना विरोध जताने और कोकाटे के इस्तीफे की मांग करने के लिए, राजेंद्र पाटिल और छावा के अन्य सदस्य लातूर में सुनील तटकरे से मिलने गए। बैठक के दौरान, उन्होंने प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर उनके सामने ताश के पत्ते फेंके। इस कृत्य को वहां मौजूद एनसीपी नेताओं ने अपमान समझा और फिर कथित तौर पर पाटिल और उनके समर्थकों पर हमला कर दिया। यह घटना कैमरे में कैद हो गई, जिसमें सूरज चव्हाण को पाटिल पर शारीरिक हमला करते हुए साफ तौर पर दिखाया गया।

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छावा का प्रभाव

1990 में स्थापित, मराठा युवा संगठन छावा का समुदाय में काफ़ी प्रभाव है। मराठा और बहुजन समुदायों के सदस्यों के बीच इसकी मज़बूत पकड़ का श्रेय विभिन्न मुद्दों पर समूह के आक्रामक रुख को जाता है। यह समूह किसानों और मराठा समुदाय से संबंधित हिंसक विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल रहा है। राज्य भर में मराठा समुदाय में छावा के प्रभाव को देखते हुए, इसके नेताओं पर हमला आगामी चुनावों में एनडीए गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान पहुँचा सकता है।

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