मुलायम की नाराजगी पर अखिलेश बोले, नेता जी को जिताने के लिये किया बसपा से गठबंधन

लखनऊ। बसपा के साथ गठबंधन को लेकर अपने पिता मुलायम सिंह यादव की नाराजगी के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि मुलायम को रिकॉर्ड मतों से लोकसभा चुनाव जिताने के लिये उन्होंने बसपा से हाथ मिलाया है। अखिलेश ने बातचीत में कहा मैंने बसपा के साथ गठबंधन किया है ताकि नेता जी (मुलायम)को रिकॉर्ड मतों से जिताया जा सके। वह चाहे जहां से चुनाव लड़ें। बसपा से गठबंधन करने के कारणों के बारे में सपा अध्यक्ष ने कहा हम संविधान को ऐसे लोगों से बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिन्होंने संविधान के साथ—साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी शपथ ले रखी है। हमारा मकसद भाजपा को हराना और देश को नया प्रधानमंत्री देना है।
The alliance between SP and BSP is an inappropriate one, says Mulayam Singh Yadav in Lucknow. pic.twitter.com/cc70aL06vp
— Ashutosh kr. Upadhyay (@AshutoshkrUp) February 21, 2019
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड में भी बसपा से गठबंधन करने के पीछे सपा का यही लक्ष्य है। उन्होंने भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सही समय है कि हम उसे नकारें। लोग सब जानते हैं कि क्या हो रहा है। मालूम हो कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पिछले सप्ताह अपनी पार्टी के बसपा से गठबंधन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि आखिर किस आधार पर बसपा को आधी सीटें दे दी गयीं। अब हमें सिर्फ आधी सीटों पर ही चुनाव लड़ना पड़ेगा, जबकि सपा ज्यादा मजबूत है। अखिलेश ने सफाई देते हुए कहा बसपा से गठबंधन की घोषणा करने के लिये संवाददाता सम्मेलन में जाने से पहले मैंने नेता जी से मुलाकात करके उनका आशीर्वाद लिया था। मैंने उन्हें बताया था कि गठबंधन के तहत हमें आधी लोकसभा सीटें मिलेंगी। चुनाव में टिकट वितरण के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि प्रत्याशियों की सूची जल्द ही तैयार कर ली जाएगी। हमने उम्मीदवारों का चिह्नांकन पहले ही कर लिया है। इसमें कोई समस्या नहीं है।
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अखिलेश से पूछा गया कि चूंकि पार्टी 80 के बजाय आधी से भी कम यानी 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में जो नेता टिकट नहीं पाएंगे, क्या वे गठबंधन के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाएंगे ? इस पर अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले करीब एक साल से सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। हमने अपने नेताओं से जमीनी स्तर पर काम करने को कहा है। साथ ही उनसे यह भी कहा गया है कि गठबंधन का जो भी उम्मीदवार हो, उसे पूरा समर्थन दें। मालूम हो कि सपा और बसपा ने पिछले महीने लोकसभा का अगला चुनाव गठबंधन करके लड़ने का एलान किया था। प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर जबकि सपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। तीन सीटें राष्ट्रीय लोकदल के लिये जबकि दो सीटें कांग्रेस के लिये छोड़ी गयी हैं।
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