निजामुद्दीन मरकज में उत्तराखंड से शामिल सभी 26 लोग अभी दिल्ली में ही : पुलिस

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कोरोना वायरस संकट के बीच निजामुददीन मरकज में शामिल होने गयी उत्तराखंड की तबलीगी जमात के सभी 26 सदस्य अभी दिल्ली में ही हैं जबकि लॉकडाउन के बावजूद बाहर से चुपचाप प्रदेश में घुसने वाले 13 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

देहरादून। कोरोना वायरस संकट के बीच निजामुददीन मरकज में शामिल होने गयी उत्तराखंड की तबलीगी जमात के सभी 26 सदस्य अभी दिल्ली में ही हैं जबकि लॉकडाउन के बावजूद बाहर से चुपचाप प्रदेश में घुसने वाले 13 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अशोक कुमार ने यहां बताया कि निजामुददीन मरकज में उत्तराखंड से शामिल जमात के सभी 26 लोग अभी दिल्ली में ही हैं।

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उन्होंने कहा कि इन लोगों के घर से सत्यापन करने के अलावा इनकी मोबाइल लोकेशन से भी इस बात की पुष्टि कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पुलिस ने 13 ऐसे लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है जो कोरोना खतरे से बचाव के लिये लागू लॉकडाउन के बावजूद बिना प्रशासन को सूचित किये चुपचाप प्रदेश में आ गये हैं।

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि पौडी जिले के श्रीनगर में चिन्हित किये गये पांच लोग सोमवार को आये हैं जबकि उधमसिंह नगर जिले में चिन्हित आठ लोगों ने बुधवार को प्रवेश किया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में उन्होंने क्रमश: उत्तर प्रदेश के बिजनौर और रामपुर में जमात में शामिल होने के बाद यहां आना स्वीकार किया है। कुमार ने बताया कि इन लोगों की मोबाइल लोकेशन निकालकर उनके बयान का सत्यापन करने की प्रक्रिया चल रही है।

हांलांकि, कुमार ने कहा कि तबलीगी जमातें देश में एक जगह से दूसरी जगह आती जाती रहती हैं और इसके मददेनजर पुलिस ने एक जनवरी से लेकर आज तक उत्तराखंड से बाहर गये 713 लोगों की सूची तैयार की है जिसे सत्यापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जनवरी के बाद यहां आये उन 173 लोगों को पृथक कर दिया गया है जिन्हें यहां आये 28 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। अधिकारी ने लोगों से आग्रह किया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में आये व्यक्ति तत्काल प्रशासन को इसकी सूचना दें ताकि उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा सके और जरूरत पडने पर उन्हें पृथक रखा जा सके। कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण से पीडित लोगों के स्वस्थ होने की काफी संभावना है, इसलिए इसे छुपायें नहीं और अपना, अपने परिवार और समाज के हित के बारे में सोचें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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