अनुप्रिया को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से वोटर मायूस

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[email protected] । May 31 2019 7:36PM

इस बार मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी को स्थान नहीं मिल पाने पर जब टिप्पणी के लिए संपर्क किया तो पटेल ने कहा कि हम राजग के साथ हैं और यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वह अपनी टीम में किसे रखें।

मिर्जापुर। अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में नहीं शामिल किये जाने से उनके वोटरों में मायूसी है और उन्हें आशंका है कि अनुप्रिया द्वारा शुरू किये गये विकास कार्य कहीं रूक ना जाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा पूर्वांचल से केवल एक अन्य सांसद महेन्द्र नाथ पाण्डेय को मंत्रिमंडल में स्थान मिल पाया है। अपना दल (एस) के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद सदस्य आशीष सिंह पटेल का कहना है कि अपनी टीम चुनना प्रधानमंत्री पर निर्भर करता है। इस बार मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी को स्थान नहीं मिल पाने पर जब टिप्पणी के लिए संपर्क किया तो पटेल ने कहा कि हम राजग के साथ हैं और यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वह अपनी टीम में किसे रखें।

पार्टी के भीतर के लोगों का हालांकि मानना है कि प्रधानमंत्री ने रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (अठावले) को मंत्री पद दिया जबकि उनकी पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। अन्नाद्रमुक को एक सीट मिली, अकाली दल को दो सीट मिली और वे भी सरकार में शामिल हुए। अपना दल (एस) ने उत्तर प्रदेश में दो सीटें जीतीं। कुल 80 सीटों में से 64 पर भाजपा और अपना दल प्रत्याशी विजयी हुए हैं। अपना दल (एस) ने मिर्जापुर (अनुप्रिया पटेल) और राबर्ट्सगंज (पकौडी लाल कोल) सीटें जीतीं। अपना दल (एस) के विधायक राहुल कोल ने भी यही कहा कि मंत्रिमंडल चुनना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। हम राजग के साथ हैं। राहुल राबर्टसगंज के नवनिर्वाचित सांसद के बेटे हैं।

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अनुप्रिया उस समय दिल्ली में थीं जबकि उनके समर्थक यहां महसूस कर रहे थे कि उन्हें देर सबेर मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए। पिछली बार भी नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री का पद संभालने के दो साल बाद अनुप्रिया को मंत्री बनाया गया था। भाजपा के स्थानीय नेता भी मानते हैं कि भविष्य में जब मंत्रिमंडल विस्तार होगा तो अपना दल (एस) को स्थान मिलेगा। पार्टी के भीतर के एक व्यक्ति ने नाम नहीं देने की शर्त पर बताया कि अनुप्रिया को फोन आया था और उन्हें शपथ ग्रहण के लिए तैयार रहने को कहा गया था लेकिन मुझे लगता है कि वह राज्य मंत्री पद के लिए राजी नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि अनुप्रिया को कम से कम राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद दिया जाना चाहिए था।

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