भाजपा से नजदीकी की चर्चाओं से सपा संस्थापक की बहू अपर्णा ने किया इनकार

 Aparna

अपर्णा ने इसे गलत बताते हुए कहा कि वह वर्ष 2016 मेंमुलायम सिंह यादव के कहने परसपा में शामिल हुई थीं और वह अब भी इसी पार्टी के सदस्य हैं। हालांकि अपर्णा ने अपनी ही पार्टी की आलोचना भी की। उन्होंने कहा, ‘‘सपा में अनुशासन की कमी है।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सुरक्षा दिए जाने के बाद भाजपा से नजदीकी के चर्चाओं को गलत बताया है। अपर्णा मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं और उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें पिछले महीने वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। इसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी कि वह वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलने की तैयारी में हैं। अपर्णा के जेठ और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इसे भाजपा की सोची समझी रणनीति करार दिया था। उन्होंने एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार में कहा था कि अपर्णा को सुरक्षा दिया जाना भाजपा की चाल है। बहरहाल, अपर्णा ने इसे गलत बताते हुए कहा कि वह वर्ष 2016 मेंमुलायम सिंह यादव के कहने परसपा में शामिल हुई थीं और वह अब भी इसी पार्टी के सदस्य हैं। हालांकि अपर्णा ने अपनी ही पार्टी की आलोचना भी की। उन्होंने कहा, ‘‘सपा में अनुशासन की कमी है। 

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पार्टी कार्यकर्ताओं को दल के संविधान, सपा की विचारधारा और समाजवाद के बारे में जानना चाहिए। नेताजी मुलायम सिंह यादव ने हमेशा पार्टी में अनुशासन की बात कही। सपा में अब औरतों के लिए कौन सा स्थान है?’’ अपर्णा ने सपा के अंदर हुए नेतृत्व परिवर्तन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पार्टी में पुराने मुखिया बदल गए हैं और अब नए मुखिया को इसका ख्याल रखना चाहिए। उन्हें इस पर काम करना चाहिए। कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के बारे में अपर्णा ने कहा कि वह भारत की नागरिक हैं और उन्हें जो सही लगता है वही कहती हैं। उन्होंने कहा सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया लॉकडाउन घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर रही है। विपक्ष को यह बताना चाहिए कि इसके अलावा और क्या बेहतर किया जा सकता है। किसी की आलोचना करना बहुत आसान है लेकिन अच्छे काम की तारीफ भी की जानी चाहिए। अपर्णा ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की भी तारीफ करते हुए कहा, यह बताया जाए कि विपक्ष के कितने नेता सामुदायिक रसोई घरों में गए? आखिर उन्हें किसने रोका था? उन्हें भी घर से बाहर निकल कर यह काम करना चाहिए था। 

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उन्होंने खुद को वाई श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने के बाद लगाई जा रही तरह तरह की अटकलों को गलत बताते हुए कहा, ‘‘मैं जनसेवा से जुड़ी हूं और अपना काम पारदर्शी तरीके से करती हूं। मुझे राज्य सुरक्षा मुख्यालय द्वारा खतरे का अनुमान लगाए जाने के बाद ही वह सुरक्षा दी गई है।’’ अपर्णा वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ की कैंट सीट से मैदान में उतरी थी लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। इस सवाल पर कि क्या वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वह फिर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी, अपर्णा ने कहा, ‘‘वह सीट मेरे लिए बहुत खास है और मेरे दिल के करीब भी। मैं अपना काम कर रही हूं और अगर पार्टी मुझे मौका देती है तो मैं निश्चित रूप से चुनाव लडूंगी।’’ इस सवाल पर कि अगर सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो क्या वह भाजपा या किसी और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी, उन्होंने कहा, ‘‘समय आएगा तो हो जाएगा।’’ यादव कुनबे में तनातनी पर अपर्णा ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि परिवार के सभी सदस्य एकजुट हो जाएं। मुझे लगता है कि आने वाले समय में सब कुछ अच्छा हो जाएगा।उन्होंने कहा, चाचा जी (शिवपाल यादव) और भैया (अखिलेश यादव) को भविष्य की रणनीति तय करनी है क्योंकि दोनों ही परिपक्व हैं।

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