Bihar: NDA में All is not well? आखिर 21 दिनों के भीतर दूसरी बार बिहार क्यों जा रहे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा
लोगों के इस शक को मजबूती तब मिली जब यह खबर सामने आती है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा 28 सितंबर को पटना पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक सवाल आपके जहन में जरूर आ रहा होगा कि नड्डा जी तो अभी ही बिहार का दौरा किए थे, फिर अचानक फिर क्यों से आ रहे हैं?
सियासत में जो ऊपर से दिखता है, वह अंदर से भी वैसा ही हो, इसकी गारंटी नहीं है। राजनीतिक दंगल में कई बार जो चीजें सामने होती हैं, भीतर ठीक उसके विपरीत भी रह सकती हैं। कुछ वैसी ही स्थिति बिहार में दिखाई दे रही है। भले ही जदयू और भाजपा के बीच सब कुछ ठीक-ठाक होने का दावा किया जा रहा है। सरकार मजबूती से चलाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन कहीं ना कहीं तालमेल की कमी नजर आ रही। सवाल यह है कि तालमेल की कमी है या फिर जदयू और भाजपा के हाथ तो मिल गए हैं लेकिन दिल नहीं मिल पा रहे हैं। विधानसभा चुनाव अगले साल होने है। लेकिन उससे पहले राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से बिहार की राजनीति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। दावा किया जा रहा है कि भाजपा और जदयू में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है।
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लोगों के इस शक को मजबूती तब मिली जब यह खबर सामने आती है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा 28 सितंबर को पटना पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक सवाल आपके जहन में जरूर आ रहा होगा कि नड्डा जी तो अभी ही बिहार का दौरा किए थे, फिर अचानक फिर क्यों से आ रहे हैं? 21 दिनों के भीतर भाजपा अध्यक्ष के दूसरी बार बिहार दौरे को लेकर अटकलें का दौर शुरू हो गया है। वाकई कुछ अंदर खिचड़ी पक रही है या महज यह संयोग है? इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन दावा किया जा रहा है कि भाजपा और जदयू के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। इसके कई उदाहरण भी बताए जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि कुछ सरकारी कार्यक्रमों में भाजपा और जदयू के रिश्तों में जो तनातनी है, वह साफ तौर पर सामने आई है। कुछ कार्यक्रमों में भाजपा के मंत्री मौजूद रहते हैं तो जदयू के मंत्री गायब होते हैं और जिन कार्यक्रमों में जदयू के मंत्री रहते हैं वहां भाजपा के मंत्रियों की अनुपस्थिति दिख जाती है। उदाहरण के तौर पर 19 सितंबर को बापू सभागार में वेस्ट मैनेजमेंट के कार्यक्रम को बताया जा रहा है जिसमें राज्यपाल के अलावा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरील विजय सिन्हा, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और नगर विकास मंत्री नितिन नवीन मौजूद थे। लेकिन जदयू के नेता एक भी नहीं थे। दूसरी ओर नीतीश कुमार ने भी उसी दिन एक्सप्रेसवे को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी। लेकिन विभाग के मंत्री और भाजपा नेता विजय सिन्हा उस बैठक से दूर रहे। नवादा कांड को लेकर भी नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर की बैठक बुलाई थी जिसमें भाजपा नेताओं की दूरियां बरकरार रही।
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राजद भी अब इसको लेकर मजे लेने की कोशिश कर रहा है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जेपी नड्डा बिहार क्यों आ रहे हैं? यह बड़ा सवाल है। जदयू और भाजपा के बीच मतभेद है। बहुत सारी ऐसे कार्यक्रम हुए हैं जिनमें दोनों पार्टियों की राय बिल्कुल लग रही है। मुख्यमंत्री के समीक्षा बैठक में दोनों पार्टी के नेता मौजूद नहीं हो रहे हैं। सीएम जब जहानाबाद गए थे तो भी वहां बीजेपी के नेता मौजूद नहीं रहे। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि एनडीए में ऑल इज नॉट वेल है और जेपी नड्डा डैमेज कंट्रोल के लिए पटना पहुंच रहे हैं। हालांकि जदयू ने इसे पूरी तरीके से खारिज किया है और कहा है कि राजद कैसे कह सकता है कि एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। क्या राजज के नेता भाजपा से मिले हुए हैं?
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