बिहार: राज्य में शराब के अवैध रैकेट पर पुलिस कसेगी एआई उपकरणों के जरिए नकेल

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बिहार पुलिस जल्द ही अवैध शराब के कारोबार और अन्य अपराधों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक का इस्तेमाल करेगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एआई तंत्र सभी कार्यों को डिजिटल तरीके से स्वचालित करेगा।

पटना। बिहार पुलिस जल्द ही अवैध शराब के कारोबार और अन्य अपराधों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक का इस्तेमाल करेगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एआई तंत्र सभी कार्यों को डिजिटल तरीके से स्वचालित करेगा, बल को अब रिकॉर्ड को मैन्युअल रूप से बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होगी। एक बार शुरू होने के बाद, यह राज्य में अवैध शराब व्यापार में शामिल गिरोहों या व्यक्तियों को पकड़ने में पुलिसकर्मियों की मदद करेगा। रीयल-टाइम एनालिटिक्स और स्वचालित प्रक्रियाओं के साथ उनके संचालन के क्षेत्र की पहचान करना आसान होगा।

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राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) कमल किशोर सिंह ने कहा, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​पहले से ही देश भर में कई तरीकों से एआई की क्षमता का खुलासा कर रही हैं। गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में लागू शराब निषेध कानून, राज्य में शराब के निर्माण, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाता है। सिंह ने कहा कि बिहार पुलिस बल के भीतर एक समर्पित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कैडर के निर्माण के लिए आवश्यक उपाय करने की योजना बना रही है। इसने हाल ही में इस मामले में गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) ने कहा, प्रस्तावित कैडर में आईटी इंस्पेक्टर और आईटी कांस्टेबल सहित लगभग 2,000 अधिकारी और कर्मी होंगे।

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आईटी कैडर के अधिकारी एआई सिस्टम के सभी कार्यों को संभालेंगे। सिंह ने कहा कि अपराध से निपटने और प्रबंधन के दृष्टिकोण से, एआई उपकरण खोजपूर्ण विश्लेषण में मदद करेंगे। आपराधिक रिकॉर्ड सहित सभी दस्तावेज को स्कैन और डिजिटल किया जाएगा, जो ज़मीनी स्तर पर बल की सहायता करेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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