Bihar: दर्द से करहाते दिखे प्रशांत किशोर, आरा में रैली के दौरान को लगी चोट, इलाज के लिए पटना रवाना

Prashant Kishor
ANI
अंकित सिंह । Jul 18 2025 7:53PM

किशोर ने पार्टी में उनका स्वागत करते हुए कहा, हमने जानबूझकर वह दिन चुना है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार आ रहे हैं और वह अपनी बड़ी-बड़ी बातों से लोगों को लुभाने की कोशिश करेंगे।

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर आज आरा में अपने रोड शो के दौरान पसलियों में चोट खा बैठे। चोट लगने के बाद उन्हें पार्टी के मंच पर लाया गया। उनकी पार्टी के नेताओं का कहना है कि रोड शो के दौरान लोगों से मिलने के लिए वह अपनी कार से बाहर झुक रहे थे और इसी दौरान उन्हें चोट लग गई। फिलहाल उन्हें इलाज के लिए पटना लाया गया है। इससे पहले भोजपुरी गायक रितेश पांडे और हिमाचल प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी जयप्रकाश सिंह शुक्रवार को जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। 

इसे भी पढ़ें: बिहार में मुफ्त बिजली देने का कैसे हुआ फैसला, PM Modi के सामने नीतीश कुमार ने बताई असली बात

किशोर ने पार्टी में उनका स्वागत करते हुए कहा, हमने जानबूझकर वह दिन चुना है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार आ रहे हैं और वह अपनी बड़ी-बड़ी बातों से लोगों को लुभाने की कोशिश करेंगे। इस अवसर पर सारण जिले के निवासी सिंह ने कहा कि उन्होंने 25 साल की सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) इसलिए ली क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि जन सुराज मेरे गृह राज्य में इतिहास रचने वाली है।” पांडे ने एक हिंदी गीत गाया, जिसमें राज्य में सभी को रोजी रोटी मिले सुनिश्चित करने की जन सुराज पार्टी की आकांक्षा को रेखांकित किया गया है।

इसे भी पढ़ें: RJD राज में बिहार में विकास पर लगा ब्रेक, मोतिहारी में बोले PM मोदी, दुनिया में पूरब के देशों का दबदबा

प्रशांत किशोर ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश करार दिया। किशोर ने यह टिप्पणी राज्य के एकमात्र मुस्लिम बहुल जिले किशनगंज में की थी। जन सुराज नेता ने वादा किया कि उनकी पार्टी उन लोगों की मदद करेगी, जिनके नाम मतदाता सूची से गलत तरीके से हटा दिए गए हैं। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) भाजपा की साजिश है। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि निर्वाचन आयोग लोगों की नागरिकता निर्धारित नहीं कर सकता। क्या निर्वाचन आयोग अब इस तरह की कवायद करके यह कहना चाहता है कि 2014 की मतदाता सूची, जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे, फर्जी थी?’’

All the updates here:

अन्य न्यूज़