Bombay High Court ने लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने की मस्जिद की याचिका खारिज की

Bombay High Court
ANI

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता यह दिखाने के लिए कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका कि लाउडस्पीकर का उपयोग उनके धार्मिक कार्यों के लिए अनिवार्य/आवश्यक है।

मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति देने के अनुरोध से संबंधित एक मस्जिद की याचिका खारिज कर दी और कहा कि उसे धार्मिक कार्यों को अधिकार का मामला बताकर लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने का हक नहीं है।

अदालत ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी धर्म में ध्वनि उपकरणों का इस्तेमाल करके या ढोल बजाकर प्रार्थना करने का आदेश नहीं है। न्यायमूर्ति अनिल पंसारे और न्यायमूर्ति राज वाकोड़े की पीठ ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा बार-बार सामने आ रहा है।

अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार को एक प्रभावी समाधान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अदालत ने एक दिसंबर के आदेश में गोंदिया जिले की मस्जिद गौसिया की याचिका खारिज कर दी, जिसमें नमाज के लिए लाउडस्पीकर उपयोग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता यह दिखाने के लिए कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका कि लाउडस्पीकर का उपयोग उनके धार्मिक कार्यों के लिए अनिवार्य/आवश्यक है। अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता को धार्मिक कार्यों को अधिकार का मामला बताकर लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने का हक नहीं है। लिहाजा याचिका खारिज की जाती है।

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